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रॉ और सेना ने तैयार किया है मिशन 2017 जिसके बाद कश्मीर ने नहीं बचेगा एक भी आतंकी

मिशन 2017

रॅा और सेना की खुफिया विंग ने मिलकर कश्मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए एक प्लान तैयार किया है.

मिशन 2017 नामक इस प्लान को कई चरणों और चक्रों बांटा गया है. इसका पहला चक्र हिलिंग टच पर अधिक फोकस करेगा, जिसका मूलमंत्र होगा आ अब लौट चलें फिर बहार की ओर.

मिशन 2017 नामक इस प्लान में सेना और खुफियां एजेंसी का पूरा प्रयास होगा कि घाटी के जो नौजवान भटककर आतंक की राह पर चले गए हैं उनकों एक और आखिरी मौका दिया जाए.

इसके लिए एजेंसियां इन आतंकियों के परिजनों दोस्तों और अध्यापकों आदि की भी मदद ले रही है. ताकि स्थानीय आतंकियों को आत्मसमर्पण के लिए तैयार कर, उनको वापस मुख्यधारा में लाकर आतंकवादियों की संख्या में कमी लाई जाए.

आपको बता दें इस समय घाटी में आतंकवादियों की संख्या काफी कम है. आतंकी सरगनाओं की कोशिश है कि कश्मीर के अधिक अधिक से युवा उनके संगठन में शामिल होकर हथियार उठाकर जिहाद में शामिल हो जाए.

जब कि दूसरी ओर खुफियां एजेंसियों का पूरा प्रयास इस बात को लेकर वर्ष 2017 में घाटी को आतंकवाद से मुक्त रखा जाए.

इसके लिए एक ओर जहां आतंकवाद की राह पर जा चुके स्थानीय नौजवानों को वापस लाने के लिए सेना और पुलिस हिलिंग टच का सहारा लेगी तो वहीं दूसरी ओर देश को ललकारने वालों और विदेशी आतंकियों को जरूरत पड़ने पर गोली की भाषा में भी समझाएगी.

आपको बतां दे कि एजेंसिया स्थानीय युवकों को आतंक से वापस मुख्यधारा में लाने के लिए मौज छय नाद दिवान यानी मां बुला रही है जैसे भावनात्मक गीतों का सहारा लेगी. कश्मीरी भाषा में इन भावनात्मक गीतों के जरिए गानों में उन माताओं की वेदना को बताया जाएगा जो अपने बेटों का गम झेल रही है.

गौरतलब है कि घाटी के बहुत से नौजवानों ने पाकिस्तान के प्रपंच में आकर आतंक की राह पकड़ ली थी और वे बाद में पुलिस की गोली को शिकार बन गए.

बताया जाता है इस मिशन 2017 को बहुत व्यापक पैमाने पर चलाया जाएगा. इसमें रक्षा मंत्रालय के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के साथ राज्य सरकार की भूमिका रहेगी.

जबकि स्थानीय पुलिस की मिशन 2017 में विशेष भूमिका रहेगी.

एक ओर जहां सेना और पुलिस आतंकवादियों के खिलाफ पहले की तरह उनके सफाए के लिए अभियान चलाते रहेंगे तो वहीं दूसरी धार्मिक गुरूओं और मौलवियों की मदद से पाकिस्तान के झूठे जिहाद का पर्दाफाश भी कराए जाने की योजना है.

जिंदा पकडें गए आतंकवादियों के मुंह से ही जिहाद के पीछे की असली कहानी घाटी के नौजवानों को बतायी जाए इसके लिए भी सरकार कोशिश कर रही है.

बहराल जो भी लेकिन रॅा और सेना की पूरी कोशिश है कि इस बार आतंक को पनपने का कोई मौका नहीं दिया जाए.

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