लंकापति रावण ने बताया था अपने धनवान होने का राज, इस संहिता में मिलते हैं उपाय
रावण संहिता – शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों के बाद 10वां दिन दशमी यानि विजयादशमी का पर्व होता है.
इस बार दशहरा 19 अक्टूबर को पूरे देशभर में मनाया जाएगा. विजयादशमी का त्योहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंकापति रावण का वध किया था. इस खुशी में लोग पूरे देशभर में रावण पुतला दहन भी करते हैं. वैसे तो रामायण काल से ही लंकापति रावण को हमेशा से खलनायक के रूप में दर्शाया गया है.
उसकी बुरी प्रवृत्तियों के कारण आज कोई भी व्यक्ति उसका नाम नहीं रखता है इसलिये पूरी दुनिया में केवल एक ही रावण हुआ.
लंकापति रावण महाज्ञानी और मायावी था
वहीं दूसरी ओर रावण के शक्तिशाली योद्धा, महाज्ञानी, कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ वह महापंडित और मायावी भी था. वह लोगों को इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादुई विद्याओं को बखूबी जानता था. उसने मेघनाद के जन्म से पूर्व मंदोदरी के गर्भ में ही मेघनाद को अमर बनाने के लिये नक्षत्रो को एक स्थिति में ला दिया था. लेकिन आयुकारक कहे जाने वाले शनिदेव ने अपना स्थान बदल लिया जिस वजह से मेघनाद अल्पायु हो गया.
रावण संहिता के अनुसार धनवान बनने के उपाय
कहा जाता है कि लंकापति रावण सभी शास्त्रों का ज्ञाता था और ज्योतिष और तंत्र विद्या की भी उसी ने रचना की थी. इसलिये रावण संहिता में दशानन द्वारा धनवान बनने के उपायों के बारें बताया गया है. इन उपायों को अपनाकर हर कोई अपनी किस्मत को चमका सकता है.
तो चलिए आज हम आपको कुछ रावण संहित में धनवान बनने के मंत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं….
वैदिक रावण संहिता के अनुसार जिस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे धन प्राप्ति नहीं हो रही है तो उसे प्रातकाल जल्दी उठकर, नित्यकर्मो से निवृत्त होकर, स्नान करने के बाद किसी वृक्ष के नीचे आसन बिछाकर बैठना चाहिए. इसके बाद रूद्राक्ष की माला लेकर ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ मन्त्र का जप करना चाहिए. इस मंत्र को 21 दिन तक लगातार करना चाहिए. यदि आप इस मंत्र को सिद्ध कर लेंगे तो आपके जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे.
इस ग्रंथ के अनुसार किसी भी शुभ अवसर जैसे अक्षय तृतीया, दीपावली, होली आदि की मध्यरात्रि में किया गया यह उपाय आपको सालभर के भीतर धनवान बनाने के लिये फलदायी होगा. इस उपाय को करने के लिए दीपावली की मध्यरात्रि में कुमकुम या अष्टगंध की थाली पर ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:’ लिखना होगा . इसे लिखने के साथ ही साथ साफ आसान बिछाकर रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला की सहायता से इस मन्त्र का जप भी करना होगा. इस मंत्र को कम से कम 108 बार बोलना होगा. अधिक से अधिक इस मंत्र की श्रद्धानुसार बढ़ा सकते हैं. इस मंत्र के सिद्ध होने पर आपके घर में महालक्ष्मी की कृपा बरसने लगेगी.
यदि आप चारों तरफ धन और धन संबंधित समस्या का निपटारा चाहते हैं तो आपको यह उपाय दीपावली में करना चाहिए. दीवाली की रात में विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए. पूजन के बाद सो जाना चाहिए और सुबह जल्दी उठना चाहिए. सुबह उठने के बाद और पलंग से उतरने से पहले आपको 108 बार ‘ॐ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा’ मंत्र का जप करना चाहिए. मन्त्र का जप पूर्ण होने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारना चाहिए. जो भी इस मन्त्र का जाप पूरी श्रद्धानुसार करता है उस व्यक्ति को कभी भी धन से संबंधित समस्या नहीं आती.
रावण संहिता के अनुसार जिनको धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटों का सामना करना पड़ता है. वे लगातार 40 दिनों तक ‘ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा’ मंत्र का जप करें. यह महालक्ष्मी से संबंधित मंत्र है और यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला तांत्रिक उपाय भी है. इस मन्त्र का रोजाना जप मात्र से ही कुछ दिनों में आपके धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. आपको इस माला का जाप हर रोज एक बार जरूर करना चाहिए.
यदि आप धन कुबेर की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको ‘ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा’ मंत्र का जाप 3 महीने तक लगातार करना होगा. इस मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना पड़ेगा. इस जाप को करते समय माता लक्ष्मी की कौड़ी को अपने पास रखना होगा. इस मंत्र का जाप करने के बाद कौड़ी को अपने तिजोरी में रख देना होगा.
रावण संहिता में दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारिक माना गया है. सफेद गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन प्राप्ति का योग बनता है और धन प्राप्ति भी होती है.
अगर आप समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा चाहते हैं तो आपको अपामार्ग के बीज को पीसकर उसे बकरी के दूध में मिलाकर उसका लेप बनाना होगा और उसे लगाना होगा.
यदि आप समाज या ऑफिस में अपना कद बढ़ाना चाहते हैं तो आप बिल्वपत्र को पीसकर, उसमें बिजौरा नींबू और बकरी का दूध डालकर मिला लें और फिर इसका तिलक लगाएं. आपको उन्नति मिलने से कोई नहीं रोक पाएगा.
आपको बता दें कि ये सभी उपाय तंत्रोक्त है और इन सभी में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है. यही बेहतर होगा कि इन सभी उपायों को किसी तांत्रिक या विशेषज्ञ की उपस्थिति तथा दिशा-निर्देश में ही करें अन्यथा ये उपाय निष्फल भी हो सकते हैं.