अकेले भगवान श्रीराम से ही नहीं बल्कि इन चार लोगों के आगे भी हारा था रावण !
रामायण की कथा के मुताबिक भगवान श्रीराम ही इकलौते ऐसे शख्स थे जिनके सामने रावण ने न सिर्फ हार मानी थी बल्कि उसे अपनी ज़िंदगी से भी हाथ धोना पड़ा था.
शास्त्रों के मुताबिक रावण अकेले भगवान श्रीराम से नहीं हारा था बल्कि उसने अपने जीवनकाल में करीब और चार लोगों के सामने अपनी हार को स्वीकार किया था.
आइए हम आपको बताते है कि भगवान श्रीराम के अलावा रावण और किन-किन लोगों से हारा था और कैसे हुई थी उसकी हार ?
1 – भगवान शिव से हारा था रावण
ये तो सभी जानते हैं कि भगवान शिव के वरदान की वजह से ही रावण दशानन कहलाया था. लेकिन उसे अपनी शक्तियों पर इतना घमंड हो गया था उसने भगवान शिव को ही युद्ध के लिए ललकार दिया.
एक पौराणिक कथा के अनुसार घंमड के नशे में चूर रावण कैलाश पर्वत पहुंच गया और उसने भगवान शिव को युद्ध करने के लिए ललकार दिया. लेकिन भगवान शिव को ध्यान में देखकर रावण कैलाश पर्वत को उठाने का दुस्साहस करने लगा.
तभी भगवान शिव ने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश पर्वत का भार ही बढ़ा दिया इसका नतीजा यह हुआ कि पर्वत उठाना तो दूर रावण का हाथ ही उस पर्वत के नीचे दब गया.
बहुत कोशिश करने के बाद भी जब रावण अपना हाथ वहां से नहीं निकाल सका तब शिव को प्रसन्न करने के लिए उसी वक्त शिव तांडव स्तोत्र को रच दिया. इस स्तोत्र को सुनकर शिवजी बेहद प्रसन्न हुए और तब जाकर उन्होंने रावण को मुक्त किया.
2 – बाली से नहीं जीत सका रावण
कहा जाता है कि बाली बहुत शक्तिशाली था और इतना तेज़ चलता था कि पलक झपकते ही वो चारों समंदरों की परिक्रमा पूरी कर लेता था और परिक्रमा करने के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करता था.
एक बार रावण बाली से युद्ध करने के लिए पहुंचा लेकिन बाली उस वक्त पूजा कर रहा था. रावण के बार-बार ललकारने की वजह से बाली की पूजा में बाधा उत्पन्न हो रही थी.
जब रावण नहीं माना तब बाली ने उसे अपने बाज़ूओं में दबाकर चार समंदर की परिक्रमा की. समंदर की परिक्रमा करने से लेकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने तक बाली ने रावण को अपने बाज़ूओं में ही दबाकर रखा.
रावण ने बहुत कोशिश की लेकिन वो बाली की बाज़ूओं से खुद को आज़ाद नहीं कर पाया, तब जाकर पूजा के बाद बाली ने रावण को छोड़ दिया.
3 – राजा बलि के महल में हारा रावण
एक पौराणिक कथा के मुताबिक पाताल लोक के राजा दैत्यराज बलि से युद्ध करने की मंशा से रावण उनके महल में जा पहुंचा और युद्ध के लिए राजा बलि को ललकारने लगा.
उस वक्त महल में कुछ बच्चे खेल रहे थे लेकिन रावण की ललकार को सुनकर उन बच्चों ने उसे बांधकर घोड़ों के साथ अस्तबल बांध दिया. इस तरह से राजा बलि के महल में रावण की हार हुई थी.
4 – सहस्त्रबाहु अर्जुन से दो बार हारा रावण
सहस्त्रबाहु अर्जुन के एक हज़ार हाथ थे. इसी वजह से उसका नाम सहस्त्रबाहु पड़ा था. कहा जाता है कि जब रावण सहस्त्रबाहु से युद्ध करने के लिए पहुंचा तब सहस्त्रबाहु ने अपने हज़ार हाथों से नर्मदा नदी के बहाव को रोक दिया था.
सहस्रबाहु ने नर्मदा नदी के पानी को इकट्ठा किया और फिर उसे छोड़ दिया. जिससे रावण पूरी सेना के साथ पानी में बह गए.
हालांकि इस हार के बाद भी रावण एक बार फिर सहस्त्रबाहु से युद्ध करने के लिए पहुंचा लेकिन इस बार सहस्त्रबाहु ने रावण को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया.
गौरतलब है कि रावण को अपने ज्ञान और शक्तियों पर कुछ ज्यादा ही घमंड था और हर बार रावण की हार उसके अत्यधिक घमंड की वजह से ही हुई थी.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…