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रावण ने यहाँ की थी शिव की तपस्या, जहाँ शिव ने रावण को दिया एक वरदान ! एक चमत्कारी शिवलिंग की पूरी कहानी !

रावण और भगवान शिव

9. इलाके के लोग आज भी दशहरा के दिन रावण का पुतला नहीं जलाते हैं. कुछ लोगों ने ऐसी कोशिश की लेकिन पूरा इलाका महामारी की चपेट में आ गया. लोगों का कहना है कि रावण को शिव का वरदान था कि उसका कोई तिरस्कार नहीं कर सकता. सावन के महीने में यहां भगवान शिव और रावण दोनों की पूजा की जाती है.

रावण और भगवान शिव

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