4. रावण ठहरा एक अन्नय भक्त उसने भारी शिवलिंग को अपने कंधे पर उठाया और चलने लगा, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद रावण शिव की बात भूलने लगा. आगे बढ़ा तो उसे बहुत तेज लघु शंका का अहसास हुआ. उसने शिवलिंग को जमीन पर रख दिया. 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · रावण और भगवान शिव Article Categories: धर्म और भाग्य