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रावण ने यहाँ की थी शिव की तपस्या, जहाँ शिव ने रावण को दिया एक वरदान ! एक चमत्कारी शिवलिंग की पूरी कहानी !

रावण और भगवान शिव

4. रावण ठहरा एक अन्नय भक्त उसने भारी शिवलिंग को अपने कंधे पर उठाया और चलने लगा, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद रावण शिव की बात भूलने लगा. आगे बढ़ा तो उसे बहुत तेज लघु शंका का अहसास हुआ. उसने शिवलिंग को जमीन पर रख दिया.

रावण और भगवान शिव

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