क्या आदमियों बलात्कार होता है?
निम्नलिखित आर्टिकल इस बात को सच साबित कर देगा!
जी हाँ! आदमियों का भी बलात्कार होता है. सन 2011 में ज़िम्बाब्वे में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसने सारी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया था.
महिलाओं का एक समूह, पुरुषों को एक तरह का इंजेक्शन लगा देता जिसकी वजह से उनकी कामोत्तेजना बढ़ जाती थी और वे आनन-फानन में उन महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित कर लेते थे. न चाहते हुए भी!
इन महिलाओं के पास पुरुषों का बलात्कार करने के लिए एक बहुत ही अजीब कारण था. बलात्कार इसलिए किए जा रहे थे ताकि ये महिलाएं शुक्राणुओं को इकठ्ठा कर सकें और उसका उपयोग जादू-टोने में कर सकें.
सिर्फ औरतें ही बलात्कार का शिकार नहीं बनती, बल्कि पुरुष भी बलात्कार का शिकार बनते हैं.
पुरुषों पर हुए बलात्कार पर अगर हम गौर करें तो ऐसी कई चीज़ें हैं जो समाज के विभिन्न पहलुओं को सामने लाती हैं.
1) सबसे पहले तो समाज इस बात को बिलकुल स्वीकार नहीं करता कि पुरुषों का भी बलात्कार हो सकता है.
2) इसके कारण पुरुष निराशा के शिकार बन जाते हैं.
3) पुरुष बलात्कार छोटे स्तर पर नहीं बल्कि काफी बड़े स्तर पर होते हैं.
4) समाज इस गंभीर जुर्म को एक चुटकुला भर ही मानता है. यह बहुत शर्मनाक बात है.
ऐसे किस्से भी सामने आए हैं जो यह बताते हैं कि बहुत बार, यौन संबंधों से वंचित पुरुष स्वयं दुसरे पुरुषों का बलात्कार करते हैं. क्या हमारा समाज यह नहीं देखता?
ज़ाहिर तौर पर महिलाओं पर हो रहे बलात्कारों को रोकने की सख्त ज़रुरत है लेकिन अगर कानून बलात्कार के इस पहलू पर गौर करे तो शायद लैंगिक समानता सही माइनों में निखर कर सामने आएगी.
मुंबई में पिछले दिनों एक केस उछला था जिसमें एक महिला ने अपने बेटे के 16 वर्षीय दोस्त के साथ ज़बरन यौन सम्बन्ध कायम करने की कोशिश की. अब यह एक जुर्म नहीं तो और क्या है?
अगर आप लैंगिक समानता के बारे में इतना ही सोचते हो तो इन बातों को क्यों नकारा जाता है? केवल बलात्कार ही नहीं बल्कि हमारे क़ानून में ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो पुरुषों के अधिकारों के खिलाफ जाती हैं.
तो क्यों नहीं ऐसे मामलों की तरफ गंभीरता से देखा जाए और लैंगिक समानता को उसका सही अर्थ दिया जाए.