बलात्कार एक ऐसी घटना है जो इंसानियत और समाज को शर्मिंदा कर देती है.
बलात्कार के बाद समाज एक सामान्य स्त्री को मानिसक रूप से कमजोर कर देता है. उसकी ज़िन्दगी खत्म कर देता है.
लेकिन पुरुष इस बात को जानते हुए भी अनदेखा कर स्त्री का शारीरिक शोषण और बलात्कार जैसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देता रहता है.
बलात्कार एक स्त्री का जीवन एक पल में मिटा देता है और कोई भी सभ्य समाज इसकी स्वीकृति नहीं देता क्योकि बलात्कार मौत से भी भयानक होता है इसलिए इसके लिए हर देश में अलग अलग कानून सजा और धाराएँ बनी है.
इसी तरह एक देश ऐसा भी है जिसने स्त्री की पीड़ा को समझते हुए एक ऐसा कानून बनाया है, जो हर बलात्कारी के लिए सबक बन सकता है.
तो आइये जानते हैं कौन से देश में बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की सज़ा सुनाई जाती है.
बलात्कार को लेकर यह सजा सख्त नियम और कानून इंडोनेशिया में बनाया गया है.
इस देश में बलात्कार का अपराध सिद्ध होने पर यहाँ बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की सज़ा सुनाई जाती है. यह एक ऐसी सजा है जो हर बलात्कारी के लिए और बलात्कार की सोचने वाले अपराधियों के लिए सही सबक है.
इंडोनेशिया में बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की सजा रसायन द्वारा दी जाती है.
इंडोनेशिया के एक जंगल में के सुमंत्रा नामक लड़की जिसकी उम्र सिर्फ 14 साल की थी. उसका 14 लड़कों द्वारा सामुहिक बलात्कार किया गया और बलात्कार के बाद लड़की को नृशंस हत्या भी की गई. शव से बदबू आने के बाद स्थानीय लोगो से उसकी मौत की खबर सामने आई.
इस घटना के कृत्य में नाबालिग लड़के भी थे.
साथ ही इसी दौरान एक बाल यौन अपराध की घटना भी सामने आई, जिसमे 9 वर्ष की बच्ची के बलात्कार के बाद गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.
यूनीसेफ की रिपोर्ट 2008 के अनुसार इंडोनेशिया के पर्यटन स्थलों से सम्बद्ध 40 से ज्यादा गांवों में लगभग 14,000 बाल यौन उत्पीड़न होने के मामले सामने आए थे.
सुमंत्रा बलात्कार के बाद इंडोनेशिया की आम जनता, महिला संगठन और आन्दोलनकारी दलों द्वारा यहाँ के राष्ट्रपति पर दबाव बनाया गया, जिससे यहाँ की सरकार ने बाल यौन अपराध और बलात्कार की सजा और कठोर करते हुए राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा बाल यौन शोषण की सजा 10 वर्ष की जगह 20 वर्ष और बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की सजा मुकरर की गई.
बलात्कार सिर्फ अमानवीय घटना नहीं बल्कि सभ्य समाज की तुच्छता और पुरुष वर्ग की नीचता को प्रमाणित करने वाली असामाजिक घटना है, जिससे कारण मानव समाज के संस्कार और सम्मान कलंकित होता है.
इंडोनेशिया के इस बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की सजा से शायद बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लग सके और यहाँ की स्त्रियाँ सुरक्षित रह सके.