पौराणिक बलात्कार – आजकल इंडिया में रेप की घटनाएं बहुत अधिक बढ़ गई हैं। इसके लिए भी लोग लड़कियों को ब्लेम कर रहे हैं कि वे छोटे कपड़े पहनने लगी हैं इसलिए आजकल रेप की घटनाएं बहुत अधिक बढ़ गई हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा है?
क्या पहले महिलाओं के साथ रेप नहीं होते थे? होते थे। ऑफकोर्स होते थे।
केवल फर्क ये था कि इसकी खबरें सामने नहीं आ पाती थीं। नहीं तो भंवरी देवी केस भी नब्बे के दशक का है और पूरे देश को हिला देने वाला अरुणा शानबाग रेप केस भी सत्तर के दशक का है। अगर इससे भी पीछे जाएं तो हमें बहुत सारी घटनायें देखने को मिल जाएंगी। लेकिन क्या आपको मालूम है कि लड़कियों से रेप की घटनायें हमारे देश में पहली नहीं है। पौराणिक कथाओं में भी पौराणिक बलात्कार की घटनायें मिलती हैं।
इसलिए शायद ये तब से चली आ रही हैं। क्योंकि पुराणों और ग्रंथों के पन्ने पलटे जाएं तो उनमें भी पौराणिक बलात्कार की घटनाओं का उल्लेख किया गया है।
पौराणिक बलात्कार –
१ – द्रोपदी
हम अपनी चर्चा शुरू करेंगे महाभारत की द्रोपदी से, जिसके मान को पूरी सभा में तार-तार किया गया था और किसी ने कुछ नहीं बोला था। लेकिन आज जुए की उस सभा की बात नहीं करेंगे। आज हम बात करेंगे द्रोपदी के पांच पतियों की जिन्होंने कभी उससे उसकी खुशी नहीं पूछी और उसकी रक्षा भी नहीं की। द्रोपदी, कर्ण से प्रेम करती थी लेकि उसकी शादी अर्जून से हुई। हम अपनी चर्चा शुरू करेंगे महाभारत की द्रोपदी से, जिसके मान को पूरी सभा में तार-तार किया गया था और किसी ने कुछ नहीं बोला था। लेकिन आज जुए की उस सभा की बात नहीं करेंगे। आज हम बात करेंगे द्रोपदी के पांच पतियों की जिन्होंने कभी उससे उसकी खुशी नहीं पूछी और उसकी रक्षा भी नहीं की। द्रोपदी, कर्ण से प्रेम करती थी लेकि उसकी शादी अर्जून से हुई। अर्जून की मां ने उसे भाईयों में बांट लेने को कहा था उन्होंने खुशी-खुशी अपनी मां की बात मान ली। द्रोपदी को वर्जिनीटी वापस मिलने का वरदान था। जिसके कारण उसके पांचो पति को समस्या नहीं हुई लेकिन इन पांच पतियों ने मिलकर भी उसकी रक्षा नहीं की।
आज भी यह होता है। आझ किसी के भले ही पांच पति नहीं लेकिन जरूरत पड़ने पर लोग बेझिझक अपनी पत्नी को दूसरों को दे देते हैं।
२ – अहिल्या
अहिल्या को अगर लड़कियों की हमारी नजर से देखा जाए तो यह सबसे स्ट्रॉन्ग वूमेन हो सकती हैं। दरअसल यह बहुत ही सुंदर देवी थीं लेकिन उनके पति ने इन पर गुस्सा होने के कारण इन्हें पत्थर की शिला बनने का अभिशाप दिया। वह भी इसलिए क्योंकि देवराज इंद्र ने इनके साथ धोखा (रेप) किया था। देवराज इंद्र हमेशा से देवी आहिल्या के साथ संभोग करने की इच्छा रखते थे मगर देवी अहिल्या एक पतिव्रता नारी थीं।
एक ऋषि गौतम तपस्या करने की इच्छा से वन चल गए। उनके रवाना होते ही देवराज इंद्र उनका स्वरूप धारण कर देवी अहिल्या के पास पहुंच गए और उनसे कहा कि प्रेम के बंधन ने उन्हें तपस्य पर जाने से रोक दिया। देव राज इंद्र ने अपनी संभोग की अच्छा भी पूरी। देवी अहिल्या बेहरूपिए को ही अपना पति समझती रहीं मगर जब ऋषि गौतम तपस्या कर वापिस लौटे और अपनी पत्नी अहिल्या को उन्होंने देव राज इंद्र के साथ संभोग करते हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने पत्थर बन जाने का श्राप दिया।
शायद इसलिए आज भी महिलाओं का रेप होता है तो उन्हें ही दोष दिया जाता है।
३ – सीता
भारतीय संस्कृति में सीता को देवी की तरह पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सीता त्यग, आज्ञाकारी और समर्पण की देवी थी। अपने पति राम से उनका प्रेम ऐसा था कि राजपाठ सब कुछ त्याग कर उन्होंने पति के साथ वनवास को चुना। मगर रावण द्वारा माता सीता का अपहरण करने पर 14 वर्ष वह उसकी कैद में रही और 14 वर्ष के बाद भगवान राम के साथ अयोध्या लौटीं तो प्रजा ने उनके चरित्र पर सवाल उठाने शुरु कर दिए। उन्हें एक बार फिर राज पाठ को छोड़कर सन्यास का जीवन बिताना पड़ा। यहां तक की जिस वक्त माता सीता सन्यास पर गईं उस वक्त वह गर्भावति थीं। इन सबके बावजूद भी जब माता सीता की पवित्रता पर संदेह किया गया तो उन्होंने अग्नि परीक्षा देकर अपने जीवन का ही अंत कर लिया।
आज भी ऐसा ही होता है। यदि किसी लड़की के साथ कोई लड़का खराब हरकत करता है तो लड़के को दोषी कम लड़की के चरित्र पर लोग पहले सवाल उठाने लगते हैं।
४ – माधवी
राजा ययाती की पुत्री माधवी की कहानी बहुत कम लोगों को पता है। माधवी को दो वरदान मिले थे। पहला कि वह हमेशा पुत्र को ही जन्म देगी और दूसरा कि हर बार बच्चे को जन्म देने के बाद वह कुंवारी बन जाएगी। यानी माधवी अपनी वर्जिनिटी कभी नहीं खो सकती थी। मगर यह दो वरदान उसके लिए श्रप की तरह साबित हुए। दरअसल एक दिन राजा ययाती के पास उनके गुरू वश्विामित्र ने अपने शिष्य ग्लावा को भेजा और राजा से गुरुदक्षिणा मांग कर लाने को कहा। गुरदक्षिणा में विश्वामित्र ने राजा को 800 सफेद घोड़ों के काले कान मांगे। राजा ने बहुत कोशिश की कि उसे कहीं से इतने घोड़े मिल जाएं और वो उनके कान गुरू को भिजवा सके मगर ऐसा नहीं हो सका। इसलिए गुरुदक्षिणा में राजा ने अपनी बेटी माधवी को दान कर दिया और ग्लावा से कहा कि इसका विवाह किसी ऐसे राजा से करवा देना जिसके पास सफेद घोड़े हों। ग्लावा माधवी को गुरू विश्वामित्र के पास ले गया। मगर ऐसा कोई भी राजा नहीं मिला, जिसके पास 800 घोड़े हों।
इसलिए गरू विश्वामित्र ने माधवी को 3 अलग-अलग राजाओं के पास संभोग के लिए भेजा। आखिर में जब 200 घोड़े नहीं मिले तो गुरू और ग्लावा दोनों ने माधवी से संभोग किया। माधवी की कहानी बताती है कि पौराणिक काल से ही लड़कियों को केवल संभोग की वस्तु समझा गया और अपना आन बान शान के लिए उन्हें दान किया गया।
आज भी हिंदु रीति रिवाज के तहत विवाह में लड़कियों का कन्यादान किया जाता है।
तो अगर आप भी पौराणिक बलात्कार कथाओं को पढ़ने के शौकिन हैं तो ये कथाएं पढ़ें और इनसे सबक लेकर स्ट्रॉन्ग महिला बनें। इसके लिए सबसे पहले महिलाओं को अपने से जुड़े कानूनों को जानने और समझने की जरूरत है जिससे की वे अपनी रक्षा कर पाएं। और किसी से डरे नहीं।