बिहार के मधुबनी के जयनगर में एसटीएफ ने कुख्यात अपराधी रंजीत डॉन को मार गिराया.
अपहरण के एक से एक अनोखे तरीकों को लेकर चर्चित रंजीत डॉन अपराध जगत का वो शातिर नाम था, जिसके अपहरण के तरीकों के बारे में कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था.
रंजीत ने अपहरण की दुनिया में ऐसे कारनामों को अंजाम दिया है जिसके बारे लोग आज भी चर्चा करते हैं. रंजीत डॉन अपहरण करने के लिए खुद चलकर नहीं जाता था बल्कि शिकार डॉन के पास खुद चलकर आता था.
जी हां वह इतने शातिराना तरीके से अपहरण को अंजाम देता था कि शिकार खुद ब खुद उसके जाल में जा फंसता था. रंजीत डॉन की नजर एक बार दिल्ली के मार्बल व्यवसायी बाबूलाल शर्मा पर पड़ गई.
उसने उनके बेटों के अपहरण की योजना बनाई. इसके लिए उसने बाबूलाल शर्मा के दो पुत्र कपिल शर्मा और सुरेश शर्मा को बिहार में मार्बल का बड़ी ठेकेदारी दिलाने का प्रलोभन देकर बुलाया और फिर उसका अपहरण कर लिया.
बताया जाता है कि रंजीत ने पहले गोपाल गोयल बनकर इन दोनों भाइयों से मुलाकात की और उसी मुलाकात के दौरान उन्होंने बिहार बुलाने का कार्यक्रम तय कर दिया.
जैसे ही दोनों व्यवासाई भाई पटना पहुंचते हैं तो वह उन्हें एयरपोर्ट से ही अगवा कर किसी अज्ञात स्थान पर छिपा देता हैं. हालांकि मीडिया में मामला काफी हाईलाइट होने के बाद पटना पुलिस ने कारोबारी के बेटों को सकुशल बरामद कर लिया लेकिन रंजीत डॉन हाथ नहीं आ सका था.
बिहार में उसको लेकर कहा जाने लगा था कि रंजीत डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है. बड़े-बड़े व्यवसायियों को झांसे में लेकर व्यापार करने का प्रलोभन देकर बुलाना और फिर उसका फिरौती के लिए अपहरण कर लेना ही रंजीत डॉन का मुख्य धंधा था.
बता दें कि रंजीत मंडल उर्फ रंजीत डॉन सबसे पहले उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने साल 2012 में हरियाणा के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद जगवीर सिंह मलिक के रिश्तेदार अजय सिरोहा को अगवा कर लिया था.
चूंकि मामला हाईप्रोफाइल था इसलिए राज्य सरकार ने इस घटना को चुनौती के रुप में लेते हुए काफी मशक्कत के बाद अपहृत व्यक्ति को पीरीबाजार के बरियारपुर के कोड़ासी जंगल से बरामद कर लिया.
लेकिन रंजीत पुलिस के हाथ नहीं आया था.
बताते हैं कि बिहार के लखीसराय जिले के एक छोटे से गांव बोधनगर में पैदा हुआ रंजीत मंडल देखते-देखते अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया. एक समय में गरीबी और मुफलिसी की जिंदगी जीने को विवश बोधनगर गांव के शिवदानी मंडल का बेटा रंजीत मंडल देखते-देखते करोड़पति बन गया और कहलाने लगा रंजीत डॉन.
लेकिन बिहार के मधुबनी के जयनगर में बुधवार यानी 17 मई को एसटीएफ द्वारा कुख्यात अपराधी रंजीत डॉन को मार गिराए जाने के साथ अपहरण की दुनिया का एक काला अध्याय समाप्त हो गया.