राजकुमारी पद्मिनी – इस साल की सबसे मोस्ट अवेटेड और धमाकेदार फिल्म पदमावती को लेकर दर्शकों के साथ-साथ बॉलीवुड सितारों के बीच भी काफी उत्सुकता है। फिल्म की शूटिंग शुरु होने के पहले दिन से ही ये फिल्म चर्चा में बनी हुई है। फिल्म में कॉस्ट्यूम, सेटअप, ट्रेलर और कास्ट जैसी कई चीज़ें इसे खास बनाती हैं।
फिल्म के एक ट्रेलर में इसके मुख्य कलाकारों की एक झलक दिखाई गई है। आपने भी इसमें दीपिका पादुकोण का रानी पद्मिनी का लुक देखा ही होगा। इस लुक में दीपिका बहुत खूबसूरत और शानदार लग रहीं हैं।
आज हम आपको फिल्म पद्मवाती में दीपिका के असली पात्र राजकुमारी पद्मिनी के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
1540 में मुहम्मद जयसी ने सन् 1316 के शासक खिलजी की मृत्यु के 200 साल बाद पद्मवत नाम की एक कविता लिखी थी। इस कविता की शुरुआत में शिमला-डवीपा जैसी जगहों का उल्लेख किया गया था। इसमें राजकुमारी पद्मिनी के शादी से पहले रहने की जगह के बारे में भी बताया गया है। सिंहला दीप सीलोन में पड़ता है जो कि वर्तमान में श्रीलंका के नाम से जाना जाता है।
राजा रतन सिंह से पहली मुलाकात
मेवाड़ के राणा रावल रतन सिंह ने राजकुमारी पद्मिनी के स्वयंवर में हिस्सा लिया था और उन्हें जीता भी था। इस स्वयंवर की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।
कहा जाता है कि स्वयंवर के दौरान एक लड़ाई में जीतने के बाद ही राजकुमारी पद्मिनी को जीता जा सकता था। शर्त के मुताबिक ये लड़ाई किसी और से नहीं बल्कि स्वयं रानी पद्मिनी से थी। स्वयंवर में राणा रावल रतन सिंह ने उन्हें पराजित कर उनसे विवाह किया था। कुछ इस तरह दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत हुई थी।
इस तरह से ये कहा जा सकता है कि राजकुमारी पद्मिनी श्रीलंका की थी और मुहम्मद जयसी की कविता पर गौर करें तो उस समय रानी पद्मिनी भारत से नहीं बल्कि श्रीलंका से थीं।