रणबीर कपूर के जो भी फ़ैन्स हैं यहाँ, यार बुरा मत मानना! मैं तो यहाँ सिर्फ़ असलियत, एक कड़वी सच्चाई, एक बुरी हक़ीक़त से ही मिलवाने आया हूँ आपको!
देखो यारों, रणबीर कपूर बहुत अच्छे एक्टर हैं लेकिन इतना काफ़ी नहीं होता ना!
अच्छे एक्टर तो हमारे देश में थोक के भाव में मिला करते हैं! हर शहर हर गली-कूचे में एक्टर हैं, किसी को मौका मिला अपना हुनर दिखाने का, किसी को नहीं मिला! लेकिन एक्टर से बढ़कर चाहिए होती है स्टार पॉवर! यानि वो शक्ति कि चाहे आप घटिया फ़िल्म बनाएँ या बढ़िया, लोग तो आपको देखने सिनेमा हॉल में जाएँगे ही! इसके सबसे बड़े उदहारण हैं सलमान ख़ान जिनकी पिछले 6-7 सालों में एक या दो ही अच्छी फिल्में आई हैं बाक़ी शायद सब की सब रद्दी ही थीं! लेकिन फिर भी उनकी हर फ़िल्म ने नए रिकॉर्ड बनाये, खूब पैसे कमाए और उन्हें देश के चुनिंदा सुपरस्टार्स की श्रेणी में सबसे ऊपर लाकर खड़ा कर दिया!
लेकिन आप सोच रहे होंगे कि इस सब का रणबीर कपूर के दूध निकालने से क्या लेना देना है?
बताता हूँ!
अपनी फ़िल्म रॉकस्टार की तैयारी करते वक़्त कई साल पहले रणबीर ने हरियाणा के एक गाँव में एक जाट परिवार के यहाँ गाय का दूध निकालना सीखा था! फ़िल्म तो वो अच्छी ही बनी थी लेकिन उसके बाद लाइन से रणबीर की एक के बाद एक फिल्में फ़्लॉप हुई हैं! बेशरम, रॉय, बॉम्बे वेलवेट और अब हाल ही में आई तमाशा! ये बात और है कि तमाशा के लिए लोगों ने रणबीर की एक्टिंग की काफ़ी तारीफ़ की लेकिन अभी कहा ना मैंने कि एक्टर तो भरे पड़े हैं हमारे देश में!
अब लगातार 4 फ़्लॉप फिल्में देने के बाद रणबीर के करियर का क्या होगा?
तसल्ली इसी बात की है कि दूध निकालना आता है!
गाय का दूध निकालना सीख लिया है, वैरायटी के लिए ऊँठ का, बकरी का या फिर शायद भैंस का दूध निकाल सकते हैं रणबीर! क्या है ना, हमारे देश में कहते हैं कि आदमी को हाथ का काम आता हो तो कभी भूखा नहीं मरता वो! जिस तरह से रणबीर ने फ़्लॉप फिल्में दी हैं, ज़ाहिर है उनके प्रोडूसर भी कंगाल हो गए होंगे!
तो क्यों ना सब के सब मिल के डेरी फ़ार्म खोल लें!
रणबीर का डेरी फ़ार्म!
कैसा रहेगा नाम?
शायद इस नाम से दूध ही बिक जाए!
कुछ नहीं तो ग़रीबों को फ़ायदा होगा, दूध से सेहत तो बनेगी! रणबीर की फ़ालतू फिल्में, सिवाए तमाशा के, दिमाग़ का दही तो नहीं करेंगी! दूध से ख़ालिस दही मिलेगा, स्वाद का स्वाद, सेहत की सेहत!
कुछ ज़्यादा हो गया क्या?
चलो कोई नहीं, अब थोड़ा-बहुत हँसी-मज़ाक तो चलता ही है यार! सच कहूँ तो रणबीर से सिर्फ़ यही कहना चाहूँगा कि यार एक्टिंग इतनी कमाल की करते हो, ज़रा फिल्में भी अच्छी चुन लो ताक़ि फ़ैन्स की मेहनत के पैसे बर्बाद ना हों! मल्टीप्लेक्स में महँगी टिकट लेकर बेकार फ़िल्म देखने में ख़ूब खून जलता है!
उम्मीद है आगे से अच्छी फ़िल्मों में ही देखने को मिलें हमें रणबीर! वरना दूध तो ख़रीद ही लेंगे उनके डेरी फ़ार्म से!