एक मामूली इन्सान जिसको लोगों ने भगवान का दर्जा दिया ! जानिए ये सच्ची घटना कब, कैसे और कहाँ घटी !
पत्थर की मूर्ति में बने भगवान को तो सब जानते हैं. लेकिन किसी इंसान को भगवान बनते किसी ने नहीं देखा होगा.
परन्तु यह चमत्कार होते हुए लोगो ने अपनी आँखों से देखा और उस भगवान के दर्शन भी किये.
एक मामूली इंसान ने कई लोगो की जान बचाते हुए उनको जीवन दिया और उन लोगो ने इस इंसान को भगवान का दर्जा डे दिया.
तोआइयेजानतेहैकौनहैवहइंसान जिसे लोगो ने भगवान का दर्जा दिया –
रविवार को महाराष्ट्र के पनवेल के गाडेश्वर धाम में कुछ लोग पिकनिक मनाने गए थे .
रमेश मिश्रा भी अपने दोस्तों के साथ वहां घुमने गया था और मौज मस्ती कर रहा था.
तभी अचानक बारिश के कारण गाडेश्वर डैम के पानी का स्तर बढ़ गया, जिसके कारण 50 लोगों उस जगह फंस गए.
इन लोगो को बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, जिसके कारण सब हडबडा और घबरा रहे थे.
5 पुलिस वालों ने इन लोगो को उस जगह जाने से माना किया था, लेकिन फिर भी यह लोग पिकनिक मनाने वहां चले गए. यह लोग मदद के लिए आवाज़ लगा रहे थे.
जब इस बात की भनक रमेश मिश्रा को हुई, तब रमेश ने वहां पहुंचकर देखा तो 50 लोग पानी के बीच फसे थे.
उन लोगो से किनारे की दूरी ज्यादा नहीं थी, लेकिन पानी का उछाल और स्तर इतना तेजी से बढ़ रहा था कि उनको किनारे तक आना नामुमकिन हो रहा था.
हालात को देखते हुए पुलिस वालों ने और रमेश मिश्रा ने उन लोगो को बाहर आने की कोशिश करने से मना करते हुए कहा कि आप लोग थोडा इन्तिज़ार कीजिये जैसे ही पानी का स्तर और बहाव कम होगा, हम लोग तुम लोगों को बच लेंगे.
लेकिन पानी का स्तर और बहाव और बढ़ते जा रहा था और हालात और बिगड़ते देकर रमेश मिश्रा ने अपने जान की परवाह किये बिना पुलिस वालो के मना करने के बाद भी पानी में कूद गए और उन लोगो के पास जा पहुंचे.
पुलिस वालो ने एक रस्सी और बाम्बू फेकते हुए लोगो को बाहर निकलने की सलाह दी, लेकिन पानी का उफान देखकर रमेश ने रिस्क लेने से मना कर दिया. लेकिन बाद में रमेश मिश्रा ने अपनी सुझबुझ और समझदारी से एक एक करके लगभग २ घंटे में सारे लोगो को पानी से सुरक्षित बहार निकाल लिया.
फिर भी आखिर में एक पिता और पुत्र पानी में फस गए थे. उनको निकाल पाना असंभव लग रहा था. जिसको रमेश मिश्रा ने अपने सूझ से संभव कर दिखाया और सबकी जान बचा ली.
रमेश मिश्रा के कार्य के लिए पुलिस वाले अपना श्रेय लेने की कोशिश में लगे थे, लेकिन लोगो ने इस सबके लिए सिर्फ रमेश मिश्रा को श्रेय दिया.
इस तरह रमेश मिश्रा ने 50 लोगो के जीवन की रक्षा की और उनको सुरक्षित करके जीवन दान दिया.
पानी से बहार आते ही, रमेश को सबने धन्यवाद किया. जीवन दान देने वाला या जान बचाने वाला भगवान से कम नहीं होता है.
रमेश के इस हौसले, जोश और समझदारी से 50 लोगो की जान बच गई.
सच में रमेश मिश्रा उस वक़्त इन लोगो के लिए इंसान से भगवान बन गया.