ENG | HINDI

रामायण काल में विभीषण के पास था मोबाइल

रामायण काल में मोबाइल

रामायण काल में मोबाइल – आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि रामायण काल में लंका में दूरसंचार के यंत्रों का निर्माण किया जाता था। आजकल दूरसंचार के यंत्रों को दूरभाष और टेलिफोन कहा जाता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि रामायण काल में मोबाइल को – उस युग में दूरभाष को मधुमक्‍खी कहा जाता था और यह एक दूर नियंत्रण यंत्र था।

इस पर बात करने से पूर्व अलग-अलग तरह की ध्‍वनि प्रकट होती थी। माना जाता है कि इसी ध्‍वनि के कारण इसे मधुमक्‍खी कहा जाता था। इस यंत्र का प्रयोग सिर्फ राजपरिवार के लोग ही किया करते थे। इस यंत्र की सहायता से वे दूर बैठे लोगों से बात कर लिया करते थे।

शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि विभीषण को जब लंका से निकाल दिया गया था तब वह लंका से प्रयाण करते समय मधुमक्‍खी और दर्पण यंत्रों के अलावा अपने 4 विश्‍वसनीय मंत्री अनल, पनस, संपाती और प्रभाती को भी अपने साथ प्रभु राम की शरण में ले गया था। श्री राम की विजय के लिए इन यंत्रों का प्रयोग किया गया था।

उस समय लंका के 10,000 सैनिकों के पास एक ऐसा यंत्र था जो दूर तक संदेश भेजने और लाने का काम करता था। इयं यंत्र का नाम त्रिशूल था। माना जाता है कि उस काल में दूरभाष के ये सभी यंत्र वायरलैस हुआ करते थे।

इसके अलावा दूरदर्शन जैसा भी एक यंत्र था जिसका नाम था त्रिकाल दृष्‍टा। लंका में यांत्रिक सेतु, यांत्रिक कपाट और ऐसे चबूतरे भी थे जो बटन दबाते ही ऊपर-नीचे होते थे। इन्‍हें आप आज लिफ्ट कह सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने यह निष्‍कर्ष अनके पौराणिक ग्रंथों का अध्‍ययन करने के बाद निकाला है।

रामायण काल में मोबाइल – वाल्‍मीकि रामायण में भी रावण के पास ऐसे यंत्रों के होने का उल्‍लेख किया गया।किंतु भगवान राम के पास ऐसे किसी भी यंत्र के ना होने की बात कही जाती है।