1929 में तमिलनाडु के छोटे से गाँव में जन्मा व्यक्ति कभी इतना खतरनाक बन जायेगा – ऐसा किसी ने नहीं सोचा था.
मासूम-सा दिखने वाला एक बचपन कब खतरनाक जवानी में तब्दील हो गया, किसी को पता ही नहीं चला. 60 के दशक में रमन राघव मुंबई आता है. काम की तलाश में दर-दर भटकने के बाद भी इसको काम नहीं मिलता है. पेट भरने के लिए वह चोरी करता है. इन चोरियों में वह पकड़ा जाता है लेकिन पुलिस के पास कोई भी ठोस सबूत नहीं होने के कारण, अदालत इसे बरी कर देती है.
कहते हैं कि यह मुंबई पुलिस की सबसे बड़ी गलती थी. रमन राघव जब बरी हुआ तो उसके बाद जो जैसे उसके सर पर खून ही सवार हो गया था.
बिना मकसद के क़त्ल
भला ऐसा भी कोई कर सकता है क्या?
3 साल में कुछ 40 मर्डर और वह भी बिना किसी मकसद के?
जो लोग सड़क पर सो रहे होते थे, भला उन्हें कौन मारेगा? साथ ही साथ क़त्ल भी इतनी सफाई से कि कोई भी सबूत बाकी नहीं छोड़ता था, रमन राघव. किन्हीं भी दो क़त्ल में कोई भी कनेक्शन नहीं था सिवाय इस बात के कि इनको करने वाला व्यक्ति एक ही था.
गरीब लोग थे निशाना
रमन राघव के निशाने पर गरीब लोग थे. वह लोग जो सड़कों पर सोते थे और इनमें कई बच्चे भी शामिल थे. रात होते ही सड़क पर कातिल निकलता था और कमजोर लोगों को अपना निशाना बनाता था. बच्चे, बूढ़े और महिलायें इसके निशाने पर थीं. कभी किसी को पत्थर से मारता था, किसी को सरिया से और किसी को चक्कू से दर्द भरी मौत दे रहा था, मुंबई का सीरियल किलर. पुलिस की समझ में कुछ नहीं आ रहा था. सिवाय इस बात के कि 1965 में जब यह किलर मर्डर पर मर्डर कर रहा था तो रात के समय सड़क पर कुछ 2000 पुलिस वाले पहरा दे रहे होते थे.
इस व्यक्ति ने 3 साल में कुछ 40 मर्डर किये और यह दौर मुंबई का सबसे खराब और दहशत भरा दौर था. सड़कों पर मौत हर रात, तांडव करती नजर आ रही थी.
रमन ने किया था अपनी बहन का बलात्कार और क़त्ल
रमन राघव एक मानसिक रोगी था. हवस और पैसे की भूख ने इसको पागल बना दिया था. हवस की भूख में ही इसने अपनी बहन तक का बलात्कार किया था और बाद में उसको चाकू से मार दिया था. सबूत के अभाव में वह छोड़ दिया गया था.
कैसे पकड़ा गया था सीरियल किलर
कुछ लोग ऐसे भी थे जो रमन राघव के हाथ से मरते-मरते बचे थे. किस्मत अच्छी थी कि वह बच गये थे. इन्हीं लोगों ने जब कातिल का स्केच बनाने में मदद की तो यह रमन राघव ही बनता जा रहा था. रमन राघव को पुलिस पुराना जानती थी और इस तरह से मुंबई का सबसे खतरनाक कातिल और सीरियल किलर रमन राघव पकड़ा जाता है.
26 जून को रिलीज हो रही फ़िल्म ‘रमन राघव 2.0’ इसी सीरियल किलर पर आधारित है.
फ़िल्म को निर्देशित किया है डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने और नवाजसिद्दकी ने रमन राघव का किरदार निभाया है. इस सीरियल किलर की बाकी कहानी, आप फिल्म के अन्दर देख सकते हैं.