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इस बार राम मंदिर बनकर रहेगा क्योंकि इस शख्स का वार कभी खाली नहीं गया !

डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी

जब से भाजपा नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है जब से राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदुओं की उम्मीद दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.

इस उम्मीद के पीछे खास वजह भी है. वह यह है कि आज तक डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जिस काम का भी बीड़ा उठाया है उसको मुकाम तक पहुंचाकर ही दम लिया है.

इस बात का समर्थन 26 मार्च को बिहार की राजधानी पटना में पूर्व आइआरएस अधिकारी आशीर्वादन आचार्य ने भी किया है. उन्होंने कहा कि डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अभी तक जिस क्षेत्र में हाथ डाला, उसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिली.

आपको बता दें कि भारतीय नृत्यकला मंदिर सभागार में विराट हिंदुस्तान संगम (बिहार शाखा) के राम, राम मंदिर एवं हिंदू पुनर्जागरण पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने के लिए सुब्रह्मण्यम स्वामी और गोविंदाचार्य आदि भाग पटना में जुटे थे.

जहां स्वामी ने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी इन तीनों जगहों पर हम मंदिर जरूर बनायेंगे. क्योंकि राममंदिर की लड़ाई को इतनी दूर तक लाने में न जाने कितने लोगों का त्याग रहा है. इतिहास में भी हिन्दू कभी झुका नहीं.

मुसलमान शासकों ने भारतवर्ष के 40 हजार मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया. हम उसमें से सिर्फ तीन को छोड़ने की मांग कर रहे हैं. यही हमारा कृष्णा पैकेज है- अयोध्या, मथुरा और काशी. उन्होंने कहा कि ये मुसलमानों को भारत को देने ही होंगे.

आपको बता दें कि इससे पहले जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के काल में रामसेतू को तोड़ने के लिए तैयारी चल रही थी तो उस समय भी उसको बचाने वाले डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ही थे. जिन्होंने पूरे मामले को लेकर न केवल लोगों को जागृत किया बल्कि रामसेतू को बचाने के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई भी लड़ी.

आपको जानकार हैरानी होगी कि राजीव गांधी के समय राम मंदिर का ताला खुलवाने में भी डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी की महत्वपूर्ण भूमिका थी.

यही नहीं जब यूपीए के शासनकाल में देश के संसाधनों की खूली लूट मची हुई थी. उस वक्त भी पूरे देश की उम्मीदे डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी पर ही टिकी हुई थी. अगर देश के संसाधनों को कोई लूटने से बचा सकता है तो वो शख्स केवल डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ही है.

स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा को जेल भिजवाने से लेकर नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कठघरे तक लाने वाले डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ही है.

इसके पहले तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को घोटाले में जेल की हवा खिलवानी हो या लिट्टे से संबंध रखने के आरोप में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से करूणनिधि की सरकार को बर्खास्त करवाना हो , वो सब डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी के अलावा कोई ओर नहीं कर सकता