राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन पर कई आरोप लगाए हैं. राम जेठमलानी देश के सबसे लोकप्रिय और महंगे वकील माने जाते हैं.
जेठमलानी ने हाल ही में वकालत से इस्तीफा दिया हैऔर सन्यांस लेते ही उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा जिसमें मोदी जी के कार्य की जमकर आलोचना की है. राम जेठमलानी ने पत्र में लिखा “मैं प्रधानमंत्री से बेहद निराश हूं. मोदी देश के असफल प्रधानमंत्री रहे हैं. यहां तक कि हमारे प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनो साल निराशाजनक रहे”.
जेठमलानी ने अपने एक इंटरव्यू में यह तक कह दिया कि “मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव मेरा ही था, लेकिन आज मुझे अपनी उस नासमझी पर शर्म आती है.”
जेठमलानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे लिखते हुए कहते हैं कि “आपके तीन साल के काम को लेकर मेरी निराशा को आप नहीं समझ सकते. एक दोस्त के रूप में मैं एक दुर्भाग्यपूर्ण देश के ऐसे अयोग्य नेता को उसकी असफलता के सबूत देता रहा जिसके हाथों में देश का भाग्य है.
जेठमलानी यहीं नहीं रूके, उन्होने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा “आपने (नरेंद्र मोदी) विदेशी बैंको में छुपे कालेधन की वसूली का वादा कर मेरा विश्वास और समर्थन जीत लिया था. चुनाव कैम्पेन में यह आपका सबसे बडा उद्देश्य था. लेकिन इस पर कुछ गम्भीर होता नहीं दिख रहा. अंत में जेठमलानी ने निराशा जताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने कालाधन लाने को लेकर मेरी कोशिशों में भी कोई मदद नहीं की.
आपको बता देंकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर राम जेठमलानी से ज्यादा शायद ही कोई खुश हुआ होगा. यहां तक कि मोदी जी के पीएम बनने के बाद जेठमलानी ने उन्हें बधाई देते हुए एक लेख भी लिखा था जिसमें उन्होंने अपनी भूमिका का जिक्र किया था और कहा था कि अब मोदी देश से किए अपने वादे पूरे करें.