तपस्विनी
एक समय रावण अपने विमान में बैठकर आनंद ले रहा था तभी उसकी दृष्टि जंगल में तपस्यारत एक स्त्री पर पड़ी.
वासना के अभिभूत होकर रावण ने उसके साथ ज़बरदस्ती करनी चाही. तपस्या भंग होने और परपुरुष के स्पर्श करने पर उस तपस्विनी ने अपने प्राणत्याग दिए. मरने से पहले तपस्विनी ने रावण को श्राप दिया कि उसकी मौत का कारण भी एक स्त्री ही बनेगी.