आखिर ऐसा क्या हो गया है कि जिस में मेरठ से सन 1857 की क्रांति का बिगुल फूंका गया और देश की जंगे आजादी की लड़ाई लड़ी गई उस क्रांतिधरा पर फिल्मी अदाकारा कदम रखने से डर रही हैं.
यह सवाल उस समय उठ खड़ा हुआ जब बालीवुड की आइटम गर्ल राखी सावंत ने क्रांतिधरा मेरठ को गुंडों का शहर बताते हुए यहां गाड़ी से नीचे उतरने से इंकार कर दिया. सवाल है कि आखिर राखी ने ऐसा क्यों किया. क्या मेरठ की धरती का अपमान करने की नीयत से उन्होंने ये बात कही या फिर यह सब चर्चा में आने की साजिश के तहत किया गया. इसमें दोनों ही बाते हो सकती हैं.
लेकिन साथ ही हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मेरठ की क्रांतिधरा पर पूर्व में महिला फिल्मी कलाकारों के साथ जो व्यवहार हुआ वह मेरठ की संस्कृति से मेल नहीं खाता है.
लोग सभा चुनावों में बालीवुड अभिनेत्री और कांग्रेस नेता नगमा के साथ चुनावी सभा के दौरान जिस प्रकार का बुरा बर्ताव किया गया उसको देखते हुए कोई भी महिला कलाकार मेरठ में आने से बचना चाहेगी.
लिहाजा, राखी सावंत की मेरठ को लेकर की गई टिप्पणी को मेरठ का अपमान बता उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर मेरठ की इस छवि को बनाने में कौन लोग जिम्मेंदार हैं.
गौरतलब है कि राखी सावंत को 21 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में पंजाबी समाज के एक कार्यक्रम में भाग लेने जाना था. उनके स्वागत के लिए सुबह से ही पंजाबी समाज के लोग तैयारी में जुटे थे.
मेरठ में मोदीपुरम पुलिस चैकी के पास एक रेस्टोरेंट में उनके स्वागत का कार्यक्रम रखा गया. लोग वहां हाथों में फूल मालाएं और बुके लेकर काफी देर से खड़े थे. काफी इंतजार के बाद जब राखी सावंत की गाड़ियों का काफिला पहुंचा, लेकिन राखी ने कार का शीशा उतारकर मेरठ को गुंडों का शहर बताते हुए यहां गाड़ी से उतरने से इंकार कर दिया.
राखी सावंत बोलीं कि यह गुंडों का शहर है और यहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं, ऐसे में वह यहां पर नहीं उतरेंगी, यहां उनकी जान को खतरा हो सकता है.
यह कहकर वह यहां से मुजफ्फरनगर के लिए निकल गईं.