गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सेना और सुरक्षा बलों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
यह चेतावनी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि, आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा और बीएसफ के महानिदेशक के के शर्मा से मीटिंग के बाद आई है. दरअसल, घाटी में जिस प्रकार प्रर्दशनों का सिलसिला लंबा खिंच रहा है उसको देखते हुए सरकार को आंशका है कि अगर यह और अधिक लंबा चला तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाने का मौका मिल सकता है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसकी कूटनीतिक काट के लिए ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं.
इससे पहले सरकार घाटी में अलगाववादियों पर नकेल कसना चाहती है. ताकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के विदेशी दौरों के समय अलगावादी कश्मीर घाटी में लोगों को भड़काकर विदेशी मीडिया का ध्यान इस ओर न खींच सके.
सरकार को खुफिया विभाग से पहले ही इस बात की सूचना मिल चुकी है कि हाल के कुछ दिनों में घाटी में हिंसा और आतंकवाद की घटनाओं में एकाएक बढ़ोतरी हुई है उसके पीछे पाकिस्तान और अलगावादियों की मिलीभगत है कि भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की रूस और अमेरिका यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींच इस ओर खींकर भारत को कमजोर किया जाए.
यही वजह है कि गृहमंत्री ने कहा है कि अब बहुत हो चुका, इस स्थिति को और ज्यादा बर्दास्त नहीं किया जाएगा. जिस वक्त ये महत्वपूर्ण बैठक समाप्त हुई उस समय वहां कश्मीर का एक शख्स भी मौजूद था. उस शख्स का गृहमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय गृह सचिव से भी परिचय कराया.
हाल में बीएसएफ की परीक्षा में टॉप करने वाले जम्मू कश्मीर के नबील अहमद वानी ने जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि घाटी का युवा पढ़ना चाहता है लेकिन बंद के कारण वहां स्कूल नहीं खुल पा रहे है. साथ ही वानी ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है. इसे केवल शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है और हाथ में पत्थर उठाने से शिक्षा नहीं मिलेगी.
घाटी के युवाओं को पत्थर नहीं कलम पकड़नी होगी.
वहीं आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में पिछले तीन माह से अलगाववादियों के हिंसक प्रदर्शनों का दौर लगातार जारी है. इस कारण वहां सभी स्कूल कालेज बंद है. जिससे पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.
वानी की बात से प्रभावित राजनाथ ने कश्मीर घाटी के हालात को लेकर सख्त रुख अपनाया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिया है कि युवाओं को भड़काने वालों को छोड़ना नहीं है, सख्ती से पेश आना है, क्योंकि लंबे समय से चल रहे इस संकट में सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों का ही हुआ है
कश्मीर पर अलगाववादियों और पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए अपने रूस और अमेरिका प्रवास के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह वहां आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भारत–रूस के साझा प्रयासों से संबंधित मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
तो दूसरी ओर अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों को समाप्त करने की रणनीति पर भी चर्चा होनी है.