अगर आप राजस्थान के बाड़मेर के किराडू मंदिर में जायेंगे तो यहाँ की खूबसूरती को देखकर ही हैरान रह जायेंगे.
इसे राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है. मंदिर में जिस तरह से पत्थर की नक्काशी की गयी है वह अपने आप में ही हैरान कर देने वाली है.
वैसे यहाँ आने वाले लोग बताते हैं कि मंदिर एक तरफ चमत्कारी भी है तो दूसरी तरफ यह श्रापित भी है.
चमत्कारी इसलिए है क्योकि यहाँ जाने से आपकी हर मुराद पूरी हो जाती है तो वहीं अगर कोई व्यक्ति यहाँ रात के समय जाता है तो वह पत्थर का बन जाता है.
वैसे मंदिर कुछ 900 साल पुराना बताया जाता है.
मंदिर की खास बात यह है कि वह दक्षिण भारतीय शैली में बना है. आप अगर इस मंदिर में जाना चाहते हैं तो आपको बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर हात्मा गांव तक जाना होगा.
ऐसा कहा जाता है कि 1161 ईसा पूर्व इस स्थान का नाम ‘किराट कूप’ था. इस मंदिर का निर्माण किसने कराया, इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है.
लेकिन कहा जाता है कि अगर कोई इंसान यहाँ रात के समय रुक जाता है तो वह पत्थर का बन जाता है. यह मंदिर श्रापित है इसलिए ऐसा होता है.
जब मंदिर को एक साधू ने श्राप दिया था
कहते हैं कि सालों पहले मंदिर में कुछ दिनों के लिए रहने एक साधू अपने कुछ शिष्यों के साथ आये थे. कुछ दिन आराम करने के बाद साधू ने भ्रमण का कार्यक्रम बनाया और गाँव वालों को बोला कि वह कुछ दिन उसके शिष्यों का ख्याल रखें. ऐसा बोलकर साधू चले गये और देखभाल के अभाव में उनके शिष्य बीमार पड़ गये थे.
आसपास के लोग बताते हैं कि जब वह शिष्य बीमार पड़े तो किसी ने भी उनकी सेवा नहीं की और अंत में एक कुम्हार औरत ने उन लोगों की सेवा कर सबकी जान बचाई.
जब साधू लौटकर आये तो उन्होंने शिष्यों की ऐसी हालत कारण पूछा. जब साधू को यह सब पता चला तो उन्हें काफी क्रोध आया. उन्होंने तब सारे गनाव को पत्थर का बन जाने का श्राप दिया और साथ ही साथ मंदिर को भी श्राप दिया कि जो भी यहाँ रात के समय रुकेगा वह भी पत्थर का बन जाया करेगा.
साधू ने बस उस औरत को बचने का आशीर्वाद दिया था.
उस औरत को बोला गया था कि वह गाँव से चली जाये और बस पीछे मुड़कर ना देखे. लेकिन उसने भी पीछे मुड़कर देखा और वह भी पत्थर की बन गयी.
आज भी पास के गाँव में महिला की मूर्ति है और लोग उसे पूजते हैं.