एक समय था जब पाकिस्तान को वाजिब जवाब दिल्ली की राजनीति से नहीं बल्कि मुंबई से आता था.
मुंबई से एक ऐसी आवाज आती थी कि पाकिस्तान थर-थर काँप जाता था. आपको याद होगा कि साल 2012 से पहले तक पाकिस्तान को मुंबई के राजा स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे वाजिब जवाब दिया करते थे.
इस बार जब उरी में भारतीय सेना पर जब हमला हुआ तो शुरुआत से ही यह बात कही जा रही थी कि पाकिस्तान के साथ हर तरह के राजनैतिक और सांस्कृतिक संबंध देश को खत्म कर देने चाहिए. लेकिन दिल्ली की सरकार अपने स्तर पर बस राजनैतिक कार्यवाही में ही लगी हुई थी. किन्तु आज जिस तरह का ब्यान महाराष्ट्र के दिल मुंबई से आया, उसका हर तरफ स्वागत किया जा रहा है.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की तरफ से साफ शब्दों में बोला गया है कि मुंबई से पाकिस्तानी कलाकारों को अब जाना होगा.
आइये पहले पढ़ते हैं कि राज ठाकरे की पार्टी की तरफ से क्या बोला गया है-
बाला साहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे की पार्टी के मुख्य नेता अमेय खोपकर ने पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने की चेतावनी दे दी है. इन्होंने आगे बोला है कि पाकिस्तान से मुंबई आये कलाकार या तो 48 घंटे के अन्दर भारत देश को छोड़ दें या फिर वह हमसे मार खायेंगे. अगर यह पाकिस्तानी भारत से नहीं गये तो हम इनको अपनी तरह से देश से भगायेंगे.
इस पूरे ब्यान के बाद मुंबई के अन्दर काम कर रहे, पाकिस्तानी कलाकारों की हवा खराब हो गयी है. देशभर में राज ठाकरे के इस ब्यान की तारीफ़ की जा रही है. साथ ही देश के जो प्रोड्यूसर-डायरेक्टर पाकिस्तानियों को काम दे रहे हैं उनको भी मनसे ने साफ़ अल्टीमेटम दे दिया है.
किस तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं भारतीय –
राज ठाकरे के पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने की बात का देश की जनता स्वागत कर रही है.
मुंबई, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत देश के अधिकतर लोग राज ठाकरे के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. देश के युवाओं को ऐसा लगने लगा है कि आज सालों बाद फिर से बाला साहेब ठाकरे का जन्म हो गया है. क्योकि ज्ञात हो कि आदरणीय बाला साहेब ठाकरे के चले जाने के बाद से इस तरह के देशहित के ब्यान काफी समय से नहीं आ रहे थे. पाकिस्तान भारत को आँखें दिखाता है, पाकिस्तान भारत के सैनिकों को मार देता है और पाकिस्तान के कलाकार फिर भी भारत से करोड़ों रुपैय कमाते रहते हैं.
कुल मिलाकार राज ठाकरे के इस ब्यान से पाकिस्तान पर और भी दवाब पड़ना निश्चित है और जब भारत से उसके कलाकार लौटकर अपने देश जायेंगे तो उसको यह अंदाजा जरुर होगा कि उससे कहाँ गलती हो गयी है.
तो क्या राज ठाकरे बन पायेगा, बाला साहेब ठाकरे?
अब सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तानी कलाकारों के ऊपर इस ब्यान का असर भी उसी तरह से होगा, जिस तरह से बाला साहेब की एक आवाज का होता था?
वैसे राज ठाकरे अब अगर बाला साहेब ठाकरे बनना भी चाहते हैं तो उनको पाकिस्तान के ऊपर उसी तरह से दवाब बनाना होगा, जैसा कभी साहेब बनाते थे. इस समय जनता की भावनायें देश के साथ हैं और देश उम्मीद कर रहा है कि हिंसा छोड़कर बाकी तरीकों से अब पाकिस्तानी कलाकारों को उनके देश वापिस भेजने का वक़्त आ गया है.
राज ठाकरे ने शायद पहली बार देशहित में कोई बात कही है और अगर कोई छोटा साहेब बनना चाहता भी है तो उसको देशहित में यह कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है कि अब पाकिस्तानी कलाकारों को उनके घर भेजना ही होगा.
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