नोटबंदी के बाद से अति उत्साह में चल रही कांग्रेस की स्थिति इन दिनों ठीक ऐसी है जैसे गए थे दुबे जी बनने छब्बे जी बनकर लौटे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के क्रम में वह यह तक भूल जा रही है कि उसे कहना क्या है और करना क्या है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति सहारा से कथित पैसे लेने के आरोप लगाकर मोदी को घेरने के चक्कर में कांग्रेस इतनी उत्साहित हो गई कि उसको यह भी ध्यान नहीं रहा कि जिस लिस्ट का हवाला देकर वह प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा करना चाह रही है उसी में नीचे उसकी पार्टी से मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित का भी नाम लिखा है.
दरअसल, इन दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में एक अघोषित कम्पटीशन चल रहा है कि कौन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सबसे अधिक हमले करता है.
इसी कम्टीशन में पहले केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाए. जब कांग्रेस ने देखा कि केजरीवाल कहीं नोटबंदी के उसके मुद्दे का असर कम करने के लिए उद्योगपतियों से कथित रिश्वत लेने का मामला उछालकर बाजी न मार ले जाए, तो उसने भी लगे हाथ यह मुद्दा उठा दिया.
जिस वक्त उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए सहारा समूह से 40 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाकर अपनी सभाओं में हाथ में कागज लहरा रहे थे, उसी वक्त कांग्रेस पार्टी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर कथित सबूतों की एक लिस्ट पोस्ट कर दी.
लेकिन हड़बड़ी में कांग्रेस ये देखना भूल गई कि प्रधानमंत्री मोदी को घेरने के लिए जिस लिस्ट वह पोस्ट कर रही है, उसमें उसके नेता का भी नाम है.
कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर सहारा से रिश्वत लेने वालों की जो सूची जारी की उसमें शीला का भी नाम है. उस सूची के मुताबिक शीला को भी बतौर मुख्यमंत्री सहारा ने एक करोड़ रुपये नकद दिए थे.
दरअसल, यह लिस्ट आप पार्टी के केजरीवाल की थी, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के नाम थे. लेकिन जोश में होश खो बैठी कांग्रेस ने बिना देखे ही वह लिस्ट पोस्ट कर दी जो उसको केजरीवाल के दफ्तर से मिली थी.
कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला का नाम आने के बाद अब उपाध्यक्ष राहुल गांधी बैकफुट पर है. कांग्रेस का प्रधानमंत्री मोदी को घेरने का उसका यह दांव खुद उसके युवराज राहुल गांधी पर ही उल्टा पड़ गया है.
कांग्रेस को डर है कि अब जब भी उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की चुनावी सभाओं में इस लिस्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेंगे तो उसने शीला दीक्षित को लेकर भी सवाल पूछा जाएगा.
पार्टी ने जाने-अनजाने इस लिस्ट को पोस्ट कर खुद पर ही गोल लिया है.
मोदी को घेरने के चक्कर में पार्टी ने केवल खुद कठघरे में खड़ी हो गई है बल्कि उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी हंसी का पात्र बनवा दिया हैं.
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