कोच राहुल द्रविड – पाकिस्तान और भारतीय क्रिकेट का ऐसा हाल है जैसे कि इनके फैंस इसे धर्म और मजहब मानते हों और इससे बढ़कर और कुछ भी नहीं है. एक दूसरे को हराकर ये जश्न कुछ इस तरह मनाते हैं जैसे कि कोई त्योहार हो.
लेकिन यही बात अगर किसी और देश के साथ की जाए तो क्रिकेट का कोई धर्म नहीं होता और ना ही इसकी कोई सीमा होती है.
दूसरे देशों के क्रिकेट कोचों की बात करें तो उनमें अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है लेकिन अगर ये बात भारत और पाकिस्तान की हो और भारतीय टीम किसी पाकिस्तानी खिलाडी को अपना कोच बना ले या पाकिस्तानी टीम किसी भारतीय खिलाडी को अपना कोच बना ले तो ये उस समय का सबसे बड़ा विवाद बन कर रह जाएगा और हो ना हो उस खिलाडी को देश निकाला भी दे दिया जाएगा.
आपने इस तरह की खबर आज से पहले शायद ही फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया एप्स पर पढ़ी होगी.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान भारत के एक सीनियर खिलाडी को अपना कोच बनाना चाहता है. भारतीय क्रिकेट के वॉल माने जाने वाले कोच राहुल द्रविड को पाकिस्तान अपना कोच बनाने की सोच रहा है और यह बात हम नहीं बल्कि कई सोशल मीडिया ऐप पर मौजूद बहुत से पोस्ट कह रहे हैं.
हम सभी जानते हैं कि आज के समय में सोशल मीडिया का न्यूज़ को लेकर कितना महत्व हो गया है.
आज कल के युवा अखबार से ज्यादा जानकारी यहीं से पाते हैं और इस बात की पुष्टि भी उन्हें सोशल मीडिया पर हो रही कई वायरल पोस्ट से मिली है जिसमें पाकिस्तान द्वारा कोच राहुल द्रविड को कोच बनाए जाने की जानकारी दी गई है. इन पोस्ट में द्रविड को कोच बनने से इनकार करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है.
लेकिन आज के युवा ये नहीं जानते कि अखबार में जो खबरे छपती थी वह 100% सच होती थी. जबकि वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली कई खबरें फेक भी होती हैं. ठीक उसी तरह ये पोस्ट भी एक अफवाह से ज्यादा और कुछ नहीं है.
दरअसल, हकीकत में यूं हुआ कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रहे रमीज राजा ने ये बयान दिया कि‘पाकिस्तान को भी भारत के नक्शेकदम पर चलना चाहिए.’
उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा ‘जिस तरह भारत के पूर्व सीनियर खिलाडी राहुल द्रविड को अंडर-19 का कोच बनाया गया उसी तरह पाक को भी किसी पाकिस्तानी सीनियर खिलाडी को अंडर-19 का कोच बनाना चाहिए.’ साथ ही उन्होंने ये भी बोला कि पाकिस्तान को आज द्रविड जैसे कोच की जरुरत है. कोच राहुल द्रविड की तारीफ करते हुए कहा कि युवा खिलाडियों को द्रविड जैसा अध्यापक और मेंटर मिलने से वह काफी कुछ सीख सकते हैं.
बस इसी बात का बतंगड बनाते हुए ये बात सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह फैली कि लोग राहुल द्रविड पर ऊंगलिया उठाने लगे.
हमारा आप सभी से निवेदन है किसी भी खबर को केवल इसलिए सच ना मानले क्योकि वह सोशल मिडिया पर है पहले उस बात की पुष्टि होने दे तभी कोई फैसला ले अन्यथा ऐसी गलतफैमिया कई खिलाडि और सितारो का करियर खराब कर सकती हैं.
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