5) क़ानूनों और नियमों की पूरी समझ होनी चाहिए
क़ानून के रखवालों को अगर क़ानून की ही समझ नहीं है तो फिर तो चल लिया काम! हर रोज़ देश के अनेक कोर्ट्स में अलग-अलग फैसले लिए जाते हैं| उनके बारे में ज्ञान है तो सही तरीके से तफ़्तीश होगी, अपराधी को पकड़ पाएँगे और सबसे ज़रूरी यह कि उसे सज़ा भी दिलवा पाएँगे! वरना एड़ी-छोटी का ज़ोर लगा कर जिस अपराधी को पकड़ा था, क़ानूनी जानकारी के बिना ठेंगा दिखा कर साफ़ रिहा हो जाएगा और आप रह जाएँगे यह सोचते हुए कि कोर्ट ने अन्याय किया है!