3) पढ़ा–लिखा होना चाहिए
दोस्तों यह तो बहुत ही ज़रूरी है| चाहे कांस्टेबल हो या बड़ा अफसर, पढ़ाई-लिखाई के बिना क्या क़ानून जानेंगे और क्या क़ानून का पालन करेंगे या करवाएँगे! पढ़ाई-लिखाई से कम से कम उन में इतनी तहज़ीब और तमीज़ तो आ जायेगी कि किसके साथ कैसे बात करनी है, और साथ ही साथ पढ़े-लिखे अपराधी उन्हें उल्लू बना कर क़ानून की गिरफ्त से भाग नहीं पाएँगे!