रूस को लेकर एक बेहद खतरनाक खुलासा हुआ है.
ब्रिटिश अधिकारियों ने दावा किया है कि अक्टूबर में रूस ने एक ऐसी गुप्त योजना बनाई थी यदि वह सफल हो जाती तो मॉन्टिनीग्रो के प्रधानमंत्री मिलो जुकानोविक आज इस दुनिया में नहीं होते.
पश्चिम समर्थक देश मॉन्टिनीग्रो के प्रधानमंत्री मिलो जुकानोविक को नाटो में शामिल होने से रोकने के लिए रूसी अधिकारियों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी.
ये सब इसलिए किया गया था ताकि मिलो जुकानोविक की पार्टी के बजाए विपक्षी पार्टी को सत्ता में लाया जा सके. बताया जाता है कि मिलो जुकानोविक को मारने की जो साजिश रची गई थी उसे रूस ने इस तरह से तैयार किया था कि अगर यह साजिश खुल भी जाती है तो इसका आरोप रूसी राष्ट्रवादियों पर आए, न कि सरकार पर.
ऐसा बताया जाता है कि दो रूसी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर महीनों तक सर्बिया के राष्ट्रवादियों को पार्लियामेंट पर हमला करने के लिए मदद की थी. ऐसी योजना थी कि चुनावों के नतीजे आने के बाद हमलावर पुलिस के रूप में विपक्षी पार्टी के समर्थकों पर गोली चलाएंगे.
गोलीबरी से मची अफरातफरी का लाभ उठाकर वहां मौजूद अन्य साजिशकर्ता पार्लियामेंट में दाखिल होते और मौका मिलते ही उनको पीएम को निशाना बनाना था.
गौरतलब है कि मॉन्टिनीग्रो की पुलिस ने चुनाव से ऐन पहले 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें सर्बिया की स्पेशल फोर्सेज का एक कमांडर भी शामिल था.
बता दें कि रूस काफी समय से मॉन्टिनीग्रो को नाटो में शामिल नहीं होने के लिए चेतावनी देता रहा है. अगर मॉन्टिनीग्रो नाटो में शामिल हो जाता है तो रूस की ऐड्रियाटिक सागर तक रणनीतिक पहुंच नहीं होगी और क्षेत्र में सर्बिया उसका एकमात्र सहयोगी रह जाएगा.
यदि मॉन्टिनीग्रो में सत्ता पलट हो जाता है तो उसको नाटों में जाने से रोकना आसान होगा.
हालांकि रूस की ओर से इस खबर को खंडन किया गया है. वहीं मॉन्टिनीग्रो की विपक्षी पार्टी ने भी इस खबर को मनगढ़ंत बताया है और मिलो जुकानोविक पर आरोप लगाया है कि वह सुरक्षा सेवाओं के जरिए पिछले 25 सालों से देश में प्रभुत्व जमाए हुए हैं.
बताते चलें कि ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय का दावा है कि मॉन्टिनीग्रो ने इस साजिश में शामिल रूसी नागरिकों की पहचान कर ली है.