हर साल 15 जनवरी के दिन भारत में गर्व के साथ इंडियन आर्मी डे मनाया जाता है|
आज इंडियन आर्मी का देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में नाम है| इस पर हर एक भारतीय को गर्व है| बात देश की सुरक्षा की हो या विपदा या आपदा के समय लोगों की मदद करने की इंडियन आर्मी हर जगह सबसे पहले पहुँचती है|
आइये आज इस खास दिन पर हमारी इंडियन आर्मी की कुछ खास बातों पर नज़र डालते हैं, और जानते हैं कि आखिर क्यों हमारी इंडियन आर्मी पर सबको गर्व है|
1- कूट कूट कर भरी है देशभक्ति
विश्व में कई देश ऐसे हैं जहाँ युवकों की उम्र 18 होने के साथ ही उन्हें अपनी देश की आर्मी में भरती होने के लिए बाध्य किया जाता है| इजराइल इसका जीता जागता उदाहरण है| इसके लिए वह बाकाएदा प्रावधान बना है| हालाकिं भारतीय संविधान में भी ऐसा ही प्रावधान है लेकिन हमारे देश में मातृभूमि के लिए खुद को समर्पित करने के लिए इतने वोलेंटीर हैं की इस नियम को अनिवार्य अब तक नहीं किआ गया|
2- यूनाइटेड नेशन्स तक की मदद की
आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश की आर्मी ने यूनाइटेड नेशन्स सुरक्षा मिशन में सबसे ज्यादा स्वयं सेवक भेजे हैं| इस बात पर हम सभी को आर्मी पर नाज़ है|
3- एवरेस्ट तक पहुँचाना है स्वच्छ भारत अभियान
आप शायद इस बात से अनजान होंगे की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान को एवेरेस्ट तक ले जाने की ज़िम्मेदारी भी हमारी इंडियन आर्मी पर है और वो इस कार्य को करने में जी जान से लगी हुई है|
4- 19 साल के सिपाही को मिला बहादुरी पुरुस्कार
बहुत काम लोगों को इस बात की जानकारी होगी की द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सिपाही कलम राम को विक्टोरिया क्रॉस से पुरस्कृत किआ गया था| मात्र 19 साल की उम्र में उन्हें ये गौरव हासिल हुआ| युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने और बहादुरी दिखाने पर ये पुरुस्कार दिया गया था|
5- जब अमेरिकियों को लेनी पड़ी मदद
बताया जाता है की अफगानिस्तान से युद्ध जीत कर उनकी पोस्ट पर कब्ज़ा करने के लिए अमरीकी ग्रीन बेरेट्स के लड़ाकों ने भारतीय आर्मी के साथ साझेदारी में ये अभियान चलाया था| ऐसा माना जाता है की अधिक ऊंचाई होने के कारण उन्होने इंडियन आर्मी से युद्ध के लिए ट्रेनिंग ली थी|
6- किसानों का भी रखते ध्यान
इंडियन आर्मी हैण्ड ग्रेनेड बनाने के लिए जिस मिर्च का इस्तेमाल करती है उसका उत्पादन किसान करते हैं| इसे भूत झोलकिया मिर्च भी कहा जाता है| इस तरह किसानों की मदद भी हमारी आर्मी करती है|
7- धन्वन्तरी ने बनाया गिनीज़ वर्ल्ड बुक में रिकॉर्ड
इंडियन आर्मी की एम्बुलेंस का नाम धन्वन्तरी है| रिकॉर्ड के अनुसार 1947 से लेकर 1998 के बीच इस एम्बुलेंस ट्रेन ने सबसे लम्बे हॉस्पिटल ट्रेन के रूप में यात्रा की| इस कारण इसका नाम रिकार्ड में दर्ज किआ गया|
8- जब सुडानी सरकार भी हुई इंडियन आर्मी की कायाल
सुदान को मुक्त करने की प्रक्रिया के दौरान इंडियन आर्मी ने अदम्य साहस का परिचय दिया था| इंडियन सैनिकों के जज्बे से प्रभावित होकर सुडान की सरकार ने इंडियन आर्मी के नाम 10 लाख पाउंड दान में दिए थे| इन पैसों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी बनाने में किया गया|
9- 28 देशों के कडेट्स लेने आते हैं ट्रेनिंग
आपको जानकर हैरानी होगी की भारतीय जाबाजों से प्रभावित होकर ही देश ही नहीं दुनिया के करीब 28 देशों के कडेट्स राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में ट्रेनिंग लेने आते हैं| ये अपने आप में गर्व की बात है कि हमारे देश में दूसरे देश के कडेट ट्रेनिंग के लिए आते हैं|
10- गोरखा रेजिमेंट के लिए ये भाषा बोलना अनिवार्य
आपकी जानकारी के लिए बता दें की गोरखा रेजिमेंट में शामिल होने वाले सभी ऑफिसर को वहां की स्थानीय भाषा का ज्ञान होना ज़रूरी है| ऐसा इसलिए ताकि वे लोग वहां के लोकल लोगों से ढंग से बातचीत कर सकें| इसके लिए उन्हें ये भाषा सीखनी ही पड़ती है|
आर्मी किसी भी देश की हो| हर नागरिक को उस पर गर्व होना चाहिए| हो भी क्यों न आखिरकार आर्मी ही दिन रात सजग प्रहरी के तौर पर 24 घंटे हमारी रक्षा करती है|
तो आइये आज हम भी इंडियन आर्मी के प्रति सम्मान जता इन्हें प्रोत्साहित करें और संग में कहें जय हिन्द, जय भारत|
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