पूरी दुनिया में वेश्याओं का एक बड़ा और काला इतिहास रहा है।
दुनिया का शायद ही ऐसा कोई देश हो जहाँ पर जिस्मफरोशी का धंधा ना चलता हो, दुनिया के कई देशों में जहाँ इनको क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। वही कई देशो में इसे गैरकानूनी घोषित किया गया है, इनमे से ही एक देश हमारा भी है।
जहाँ वेश्याओं को क़ानूनी मान्यता को लेकर हमेशा से विवाद रहा है, जिसका मतलब ये है कि यहाँ क़ानूनी मान्यता तो नही है लेकिन सब चलता है।
विश्व में इस पेशे को हमेशा से ही गाली समझा जाता रहा है, यहाँ वेश्या होना एक गाली ही है। वैसे तो कोई भी इस पेशे में खुद की मर्जी से नहीं आता लेकिन मजबूरी एक ऐसी चीज़ है जो हर वो काम करवा सकती है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते है।
बात सिर्फ हमारे महान देश भारत की करे तो यहाँ कई जगहें है जहाँ जिस्मफरोशी का धंधा चलता है, जो विश्व में सबसे फेमस है, उनमे से ही एक है पश्चिम बंगाल के सोनागाछी का रेड लाइट एरिया जहाँ करीब 11-12 हजार वेश्याएं जिस्मफरोशी का धंधा करती है लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि यहाँ की वेश्याएं महज 134 रूपये में संबंध बनाने के लिए मजबूर है। एक हिंदी वेबसाइट की खबरों के अनुसार यहाँ की वेश्याओं को मर्दों से सम्बन्ध बनाने पर सिर्फ 2 डॉलर याने 134 रूपये ही मिलते है।
यहाँ रहने वाली महिलाएं कई पीढियो से इस धंधे में लिप्त है।
हालाँकि राज्य सरकार इस क्षेत्र की स्थिति को बेहतर बनाने के कई दाँवे करती रही है लेकिन स्थिति सिर्फ कागज के टुकड़ो पर ही यहाँ की स्थिति सुधरी है।
यहाँ रहने वाली अधिकतर महिलाओं का कहना है की ये सब उन्हें मजबूरी में करना पड़ता है, क्योंकि पापी पेट का सवाल है। ये सोचने वाली बात है कि सिर्फ 134 रूपये में यहाँ की महिलाएं अपने शरीर को रोज़ भूखे भेड़ियों के सामने पेश करती है।
यूँ तो हम आधुनिक भारत की बड़ी-बड़ी बाते करते है, लेकिन सच्चाई ये है कि हमारे देश में ऐसे कई करोड़ो लोग है जो आज भी भूखे सोते है।