अभी दो दिन पहले ही बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रामनाथ कोविंद को एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की है।
हालाँकि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की तरफ से जिन नामों की चर्चा हो रही थी उनमे रामनाथ कोविंद का नाम उतना चर्चित नहीं था।
आपको बता दें कि दो दिन पहले तक रामनाथ कोविंद को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन आज पूरा देश उनके बारे में बाते कर रहा है। ऐसे में आप भी उनके बारे में सब कुछ जानना चाहेंगे।
तो चलिए जानते है रामनाथ कोविंद के बारे में वो सब कुछ जो आपको जानना जरुरी है-
रामनाथ कोविंद मौजूदा समय में बिहार के राज्यपाल है लेकिन आज वे एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार है।
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपूर देहात में हुआ था। कोविंद ने कानपूर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। उनकी शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी, उनके एक बेटा और एक बेटी है। कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है। छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस की है। जिसके बाद 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए। कोविंद दिल्ली हाईकोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे है। वे 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल में भी रहे।
1994 में रामनाथ कोविंद उत्तरप्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए, वे 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे है।
जिसमें वे कई संसदीय समिति के सदस्य भी रहे है जिनमें आदिवासी, होम अफेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, कानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे है। रामनाथ कोविंद गर्वनर्स ऑफ़ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे है।
2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित भी किया है।
कोविंद ने कई देशों की यात्रा की है। उन्होंने राज्यसभा सांसद रहते शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया है। उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने गरीब और दलितों के लिए मुफ्त क़ानूनी लड़ाई लड़ी है। अगर वे राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते है तो उत्तरप्रदेश से आने वाले वे दूसरे राष्ट्रपति होंगे।