प्रेम सुख डेलु – कामयाबी को पाने का सिर्फ एक ही रास्ता माना जाता है वो है मेहनत का ।
और कहते है जिस इंसान ने मेहनत करना सीख लिया वो जिंदगी में कभी नाकामयाब हो ही नही सकता । क्योंकि हर कामयाबी के पीछे एक संघर्ष छिपा होता है।
एक ऐसा संघर्ष जो आपको पतथरीले रास्तों से होते हुए वहां तक पहुंचता है। कुछ ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी है आईपीएस ऑफिसर प्रेम सुख डेलु की । जिनकी कहानी अनोखी और संघर्ष भरी तो ही साथ ही आपको जिंदगी के अलग मायने भी बताती है ।
प्रेम सुख डेलु कभी अपने गांव के पटवारी रहे फिर , टीचर बने और फिर आईपीएस ऑफिसर ।
सुने में दिलचस्प है लेकिन है हकीकत। आईपीएस प्रेम सुख एक मिडिल क्लास फैमली से थे । जिनके लिए नौकरी बहुत मायने रखती थी । लेकिन इसके बावजूद प्रेम सुख डेलु ने कोई मामूली नौकरी करने की बजाय आईपीएस ऑफिसर बने के लिए मेहनत करना उचित समझा ।राजस्थान के छोटे से गांव के रहने वाले आईपीएस ऑफिसर राजस्थान के एक सरकारी स्कूल में पढ़े है जहां अग्रेंजी भाषा का ज्ञान भी छठी क्लास से दिया जाता था । जिस वजह से अंग्रेजी बोलने वाले उन्हें अक्सर कम आंकते थे । लेकिन इसके बावजूद प्रेम सुख डेलु का मानना है कि होनर होने के कारण वो अग्रेंजी स्कूलों के विघार्थियों के लिए एक चुनौती थे ।
वैसे भी भाषा से आपके ज्ञान को नही मापा जाता है । जिसकी सबसे बड़ी मिसाल प्रेम सुख है ।
प्रेम सुख ने अपने करियर की शुरुआत पटवारी के रुप में की । उसके बाद प्रेम सुख ने कुछ वक्त ग्राम सेवक के तौर पर भी काम किया । इसके बाद प्रेम सुख ने अपने ज्ञान को बांटने की सोची और बच्चों को पढाना शुरु किया । शुरुआत में प्रेम सुख थर्ड ग्रेड टीचर थे उसके बाद वो 2nd क्लास टीचर बने । बच्चों को पढाते – पढाते प्रेम सुख ने अपनी पढाई भी जारी रखी । प्रेम सुख एक लेक्चर के तौर पर भी शिक्षा दिया करते थे । लेकिन प्रेम सुख को अपनी जिंदगी में किसी ओर ही चीज की तलाश थी । वो पूरा जीवन टीचर बनकर नही बिताना चाहते थे । प्रेम सुख का कहना है कि वो हमेशा से आईएस बना चाहते थे वो भी टॉपर बनकर ।
और यही कारण था कि जिंदगी में ढेरों परेशआनियां ढेलने के बाद भी प्रेम ने कामयाबी के पथ क खोज निकाला ।
प्रेम सुख डेलु ने अपने मेहनत के दम पर जल्द अस्टेंट जेलर का पद भी पा लिया ।
प्रेम सुख डेलु आईएस तो नही लेकिन आईपीएस का एग्जाम क्लियर कर आईपीएस ऑफिसर बन पुलिस में एसपी की पोस्ट पर जरुर नियुक्त हो गए । हालाकि प्रेम सुख का कहना है कि उन्होने एप्लाई तो dsp के लि्ए किया था लेकिन चलो कोई नही डीसपी न सही एसपी ही बन गए । आईपीएस ऑफिसर प्रेम सुख का मानना है कि इंसान को जिंदगी में कामयाबी के मुकाम पर पंहुचने के बाद घंमड नही करना चाहिए । क्योंकि इंसान को उसका घमंड किसी भी ऊचांई से गिराने में सक्षम होता है ।