4 – 12 धाराओं में अलकनंदा व मंदाकिनी का ही अस्तित्व बच गया है, जो आगे जाकर गंगा कहलाती है. देवप्रयाग के बाद अलकनंदा व मंदाकिनी गंगा में विलीन हो जायेगी और अपना अस्तित्व खो देंगी. 1 2 3 4 5 6 7 8 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · मंदिरों से जुड़ी भविष्यवानियाँ Article Categories: विशेष