कुंभ का मेला – हिंदू धर्म का महत्वूपर्ण पर्व कुंभ मेला 12 साल में एक बार होता है, वहीं प्रयाग में होने वाले मेले को अर्धकुंभ कहा जाता है क्योंकि ये 6 साल में एक बार होता है.
अगले साला यानी 2019 में फरवरी से मार्च के बीज अर्धकुंभ प्रयाग में होने वाला है. इस बार के ये कुंभ बहुत खास होने वाला है क्योंकि बड़े पैमाने पर इसके आयोजन की बात कही जा रही है.
चलिए आपको बताते हैं कि इस कुंभ का मेला कैसा होगा और क्या कुछ खास और अनोखा होने वाला है.
कुंभ का मेला –
कुंभ का मेला – एक नई परंपरा शुरूआत
इस बार इलाहाबाद में कुम्भ के दौरान अखाड़ों से जुड़े कई साधु-संत देहदान यानी बॉडी डोनेट की घोषणा कर एक नई परंपरा की शुरुआत करेंगे. दरअसल, मेडकिल साइंस के छात्रों की मदद के लिए उन्होंने ये फैसला किया है.
सभी गांव को निमंत्रण
कुंभ में शामिल होने के लिए योगी सरकार देश के हर गांव को न्योता भेजेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजेंगे.
यूनेस्को ने विश्व धरोहरों में किया शामिल
हाल ही में यूनेस्को ने कुंभ को विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल कर लिया है. इसके बाद से ही सरकार इस आयोजन को भव्य बनाने की तैयारियों मे जुटी है ताकि पूरी दुनिया देख सके की कुंभ महापर्व कितना विशाल होता है.
सबसे बड़ा पार्किग स्थल
साल 2019 के कुंभ के लिए अबतक का सबसे बड़े पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है. कुंभ में करीब 6 लाख वाहनों के लिए 1193 हेक्टेयर जमीन पर 120 पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे. 2013 के कुंभ मेले में 478 हेक्टेयर जमीन पर 99 पार्किंग स्थल बनाए गए थे.
हवाई मार्ग से जोड़ा जाएगा इलाहाबाद – कुंभ का मेला
कुंभ से पहले इलाहाबाद को देश के 14 शहरों से हवाई मार्ग से जोड़ दिया जाएगा. इसके साथ ही कुंभ मेले के रास्ते पर महापुरुषों के नाम पर कई गेट भी बनाए जाएंगे ताकि लोग आसानी से वहां तक पहुंच सके.
कुंभ गान
कुंभ के महत्व उसके इतिहास से जुड़ी कई चीजों की अहमियत बताने के लिए कुंभ गान तैयार किया जाएगा. इस गाने को पहले हिंदी में बनाया जाएगा और दूसरी भाषाओं में अनुवाद होगा.
आधुनिक कुंभ म्यूज़ियम
योगी सरकार आधुनिक कुंभ म्यूज़ियम बनाने की तैयारी में भी है जिस पर करीब 300 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसमें इलाहाबाद की धार्मिक, ऐतिहासिक व अन्य जानकारियां डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई जाएंगी.
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
कुंभ का मेला जिसमे इस बार पांच हजार शौचालय बनाए जाएंगे. यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक होगी. इस बार करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं.