विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण का निर्णय होली बाद कभी भी लिया जा सकता है.
अचानक राम मंदिर को लेकर आए प्रवीण तोगड़िया के बयान लेकर कयासबाजी तेज हो गई हैं. आखिर क्या कारण है कि एकाएक प्रवीण तोगड़िया के तेवर तीखे हो गए हैं.
प्रवीण तोगड़िया इस बार राम मंदिर को लेकर जिस प्रकार समय सीमा की बात कर रहे हैं, उसके पीछे विश्व हिंदू परिषद की कोई गुप्त योजना है या फिर तोगड़िया प्रधानमंत्री पर दवाब बनाने के इरादे से कोई बयान दे रहे हैं.
क्योंकि जब मीडिया ने उनसे राम मंदिर निर्माण को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का निर्णय एक सप्ताह में लिया जा सकता है.
लेकिन इसके आगे उन्होंने जो कहा असली राज तो वहां छिपा है.
उन्होंने मीडिया से कहा कि आप जानना चाहेंगे कि राम मंदिर निर्माण एक सप्ताह में कैसे हो सकता है.
तो इस पर उन्होंने मीडिया के सामने स्वयं ही दावा किया कि सीधा सा रास्ता है इसके लिए सरकार को सिर्फ एक घंटे का समय चाहिए. यह निर्णय संसद में कानून बनाकर लिया जा सकता है.
यानी तोगड़िया ने अपने बयान और राम मंदिर निर्माण को लेकर संकेतों में मोदी सरकार और संघ को बता दिया है कि 11 मार्च जैसे ही पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आए उसके बाद सरकार को इस दिशा में सोचना होगा.
इसके लिए उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प का उदाहरण देते हुए कहा, जब डॉनल्ड ट्रम्प ऐसा कर सकते हैं तो भारत सरकार क्यों नहीं कर सकती.
सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत न होने के सवाल पर उन्होंने कहा, सरकार यदि चाहे तो सब कुछ कर सकती है. हमारे यहां लोकसभा व राज्यसभा को एकसाथ बिठाकर कानून बनाने की परंपरा रही है. ऐसा करके सरकार इस मसले का हल आसानी से निकाल सकती है.
प्रवीण तोगड़िया का कहना है कि जब अमेरिका अपने देश में एक सप्ताह में ही 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा सकता है तो मोदी सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती.
तोगड़िया की बातों से लगा कि वे चाहते हैं कि जिस प्रकार ट्रंप ने आदेश लाकर अपनी इच्छाशक्ति दिखाई उसी प्रकार राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार को संसद प्रस्ताव लाना चाहिए.
प्रस्ताव पास होता है या नहीं वह तो बाद की बात है.
लेकिन सरकार कम से कम अपनी इच्छा शक्ति के माध्यम से इस दिशा में शुरूआत तो करे.