आम धारना है की शनि बेहद ख़राब होता है.
शनि दृष्टि जिस पर पड़ती है, उसके बुरे दिन बस आ गये समझो.
मगर सिक्के के दोनों तरफ अलग बात होती है. शनि बुरा है तो अच्छा भी है.
राजनीति आज कोई अच्छे कार्य के लिए शायद ही करता है. वो भी विरोध और आन्दोलन के चलते कई सारे सकारात्मक कदम और योजनाए बनाए जाते है.
किंतु यह सारे काम नियमित रूप से होने जरुरी होता है. वरना जनता को लाभ हो ना हो बीच के लोगों के अच्छे दिन कायम रहते और विकास नहीं हो पता है.
शनि की भारी दृष्टि राजनीति पर कैसी पड़ती है
राजनीति पर शनि की दृष्टि पड़ने के लिए शनि देव का होना जरुरी नहीं है. उनके बिना ही यह काम हो सकता है.
राजनीति में अक्सर एक दल अपने प्रतिस्पर्धक और विपक्ष की टांग खीचने में माहिर होते है. ऐसी में केवल मुद्दों को उठा कर जनता को जागरूक करना होता है. जिस से सत्ता पर राज कर रहा दल हिल जाए और जनता नाराज़ ना हो जाए यह सोच कर कुछ अच्छे कदम उठाने पर मजबूर हो जाये.
शनि का काम करता है विपक्ष
राजनीती ऐसी ही चलती है.
सरकार का कोई भी प्रस्ताव, निर्णय, कार्यक्रम, प्रतिक्रया या फिर स्टेटमेंट इन सब पर मौका साधने का काम विपक्ष करता है. अपनी पार्टी का महत्व बढाने के के लिए विपक्ष कोई भी कसर नहीं छोड़ता है. उस के लिए वो हर संभव कोशिश में लगा रहता है.
अगर विपक्ष इस तरह काम करता है तो वह शनि की भरी दृष्टि से कम नहीं होता है.
मानसून सत्र में देखने मिलेगी यह भारी दृष्टि
मानसून सत्र जल्द ही सुरु होने वाला है. जिस में विपक्ष कई ऐसी बातों का खुलासा करने जा रहा है मानो इससे सरकार के पैरो के नीचे से जमीन खीचक जाएगी.
वातावरण बन गया है
महाराष्ट्र की महिला बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ रुपये के चिक्की घोटाले का फंदा कसता जा रहा है.
आईपीएल के पूर्व कमिश्नर और गबन के आरोपी ललित मोदी की मदद के मामले में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने पार्टी नेताओं के सामने मान लिया है कि उन्होंने ललित मोदी के ब्रिटेन प्रवास का समर्थन करने वाले कागजात पर साइन किए थे.
इस वजह से वसुंधरा राजे पर भी या दृष्टि पड़ गई है.
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी तो पहले से मुश्किल में है जब से शिक्षा का फर्जी प्रमाण पत्र की पोल खुली है.
कोंग्रेस ने इन मुद्दों को हवा देकर खूब उछाला है. लेकिन भाजपा अपनी योजना पर अमल करते हुए बेटी बचाव का काम कर रही है.
भाजपा पर हाल ही में पड़ी शनि की भारी दृष्टि
मानसून सत्र में जो होगा वो तब होगा. लेकिन अभी एक भारी दृष्टि भाजपा पर पड़ी है.
मुंबई से बीजेपी विधायक राज पुरोहित का एक कथित ‘स्टिंग आपरेशन’ वीडियो सामने आया है. जिसमें उन्होंने राज ठाकरे से लेकर आरएसएस और खुद के पार्टी के प्रतिनिधियों पर उंगली उठाई है.
इससे लाजास्पत बात और भाजपा के लिए क्या होगी ?
पुरोहित का यह स्टिंग देखने के बाद आप को पता चलेगा की उन्होंने राज ठाकरे को जालसाज़ कहते हुए मजाक उड़ाया. वीडियो में कथित रूप से कहा,भाजपा में सामूहिक नेतृत्व नहीं है. केवल दो लोग फैसले करते हैं और अन्य केवल उसका पालन करते हैं.
बाकी सारी बाते आप इस विडियो में देख और सुन सकते है जिसे पुरोहित ने फेक विडियो कहते होए अपनी सफाई दी है.
Raj Purohit Sting Operation
माना की इस तरफ घोटालों की बार बार पोल खुलना और सत्ता पर यूँ शिकंजा कसना जनता की उम्मिदो पर पानी फेरने जैसा है और सरकार के लिए यह बेहद चिंता से भरी बात है.
किंतु यह विकास के लिए जरुरी है. वरना सत्ता हाथ में आने पर सब उसका फायदा उठाने पर उतारू रहते है.
अब देखना है की विपक्ष के साथ और कौन से दल रहेंगे और उनकी भारी दृष्टि का शिकार भाजपा कैसे मानसून सत्र में पलटवार करती है.
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