इस बार 30/12/2016 से पौष शुक्ल पक्ष का आरंभ होंगा।
इस समय मे सूर्य धनु की संक्रांति में रहता है। धनु गुरू की स्वामित्व वाली राशि होती है। सूर्य का धनु राशि में यानि अपने गुरू की राशि में होने से यह अत्यंत लाभकारी समय हो जाता है।
पौष शुक्ल पक्ष का समय कई प्रकार से लाभ देने वाला है एवं पुराणों में इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
आरोग्य प्राप्ति के लिए यह समय सर्वश्रेष्ठ होता है। विशेषकर पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि जो 31/12/2016 को होगी।
विष्णुधर्माेत्तरपुराण में वर्णन है कि इस दिन पौष शुक्ल पक्ष में व्रत करने से एवं गाय के सिंग को धोए जल से स्नान करके एवं सफेद वस्त्र धारण कर सूर्यास्त के समय द्वितीया के चंद्रमा का गंधादि से पूजन करके एवं जबतक चंद्रास्त न हो तब तक गुड़, दही, नमकादि से ब्राह्म्णों को संतुष्ट कर एवं स्वयं छाछ का सेवन करने से तथा इस दिन से आंरभ कर पूरे वर्षपर्यन्त मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक ऐसे ही करने से एवं इस तिथि को जमीन पर शयन करने से समस्त प्रकार के रोगों को अंत हो जाता है।
आने वाले जन्मों भी कोई बडा जानलेवा रोग नही होता है।
इस पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मार्तण्ड सप्तमी कहा जाता है। इस दिन भी भगवान सूर्य के निमित्त हवन करने से एवं गौदान करने से वर्षभर उत्तम फलों की प्राप्ति होती है।
इसी माह की पौष शुक्ल पक्ष की तिथि पुत्रदा एकादशी तिथि होती है।
इस तिथि पर व्रत करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। शुक्ल त्रयोदशी को घृत का दान करने से भगवान मधुसूदन की प्रसन्नता प्राप्त होती है। माघमास का आरंभ भी पौष की पूर्णीमा से होता है।
केवल इसी दिन किसी पवीत्र नदी में स्नान करने से एवं भगवान विष्णु को पूजन करने से सभी वैभव एवं दिव्य लोक की प्राप्ति कराने वाला होता है।
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