शाला कोष योजना – भारत में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
इसी दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने 55 लाख महिलाओं और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन बांटने शुरु किए लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में इसका कोई फायदा तो नहीं हुआ बल्कि अश्लीलता फैल गई।
सरकार की ओर से स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए कंप्यूटर टैबलेट बांटे गए थे। इस योजना को शाला कोष योजना का नाम दिया गया था जिसके तहत सितंबर 2017 में छत्तीसगढ़ के स्कूलों में 51 हजार टैबलेट्स पर अपने अंगूठे का निशान देना होता था और इसके बाद अटेंडेंस लग जाती थी। स्कूलों से जुड़ी गतिविधियां भी इसी टैबलेट पर हुआ करती थीं।
इन टैबलेट्स को लेकर अब महिला शिक्षकों की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने इस पर अटेंडेंस लगाने से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि अटेंडेंस लगाने वाले इन टैबलेट्स पर पॉर्न क्लिप चलने लगी है। जैसे ही टैबलेट को ऑन करो तो उस पर न्यूड तस्वीरें आने लगती हैं। इसकी वजह से शिक्षकों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।
शिक्षकों का ये भी मानना है कि शाला कोष योजना का बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है और इसलिए अब वो मांग कर रहे हैं कि इन टैबलेट्स का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए।
आपको बता दें कि सरकारा द्वारा मुहैया करवाए गए इन टैबलेट्स का जिम्मा स्कूल के प्रिंसिपल के पास है। शाला कोष योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर नीलेश सोनी की मानें तो ये टैबलेट किसी वायरस के संपर्क में आ गए हैं और इस वजह ये इनके ऑन होने पर पॉर्न तस्वीरें दिखने लगती हैं। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि कोई एप्लीकेशन देखते या डाउनलोड करते समय किसी प्रिंसिपल से पॉर्न वीडियो वाले स्पैम मैसेज पर क्लिक हो गया होगा।
अब जिला अधिकारी ने ये आदेश दिया है कि जब तक इस समस्या का निदान नहीं हो जाता है तब तक स्कूलों में इन टैबलेट्स का इस्तेमाल रोक दिया जाए। शाला कोष योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर की मानें तो अब तक 270 स्कूलों में ऐसी समस्या आ रही थी। आईटी एक्स्पर्ट स्कूलों में जाकर वहां की दिक्कतों को दूर कर रहे हैं।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो लगता है कि देश में शिक्षा व्यवस्था कभी दुरुस्त नहीं हो पाएगी। टैबलेट्स पर पोर्न चलने की घटना ने पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी है।
अब आप भी सोच रहे होंगें कि स्कूल में टैबलेट पर पोर्न चलने का क्या कारण है? खुद सरकार इस विषय को लेकर चिंतित है क्योंकि चुनाव आने वाले हैं और इस तरह की घटना की वजह से पार्टी के प्रचार पर भी गलत असर पड़ेगा।
वैसे इस तरह की अजीब चीज़ें सिर्फ भारत में ही होती हैं या फिर विदेशों में भी ऐसा होता है। सोचने वाली बात है कि भारत जैसे देश में बच्चे भी पोर्न की चपेट में आ रहे हैं। फिलहाल तो सरकार इस समस्या पर कार्य कर रही है लेकिन देखना ये होगा कि क्या सच में सरकार इस काम में सफल हो पाती है या नहीं।
शाला कोष योजना तहत स्कूलों में टैबलेट मुहैया करवाने की सच में जरूरत थी या नहीं, इस बारे में आपका क्या कहना है ?
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