अगर आप सोच रहे हैं कि पाकिस्तान अपने 2 लाख सैनिक तैनात करके भारत पर हमला करने जा रहा है तो आप इस बार बिल्कुल गलत सोच रहे हैं.
आपको खबर पढ़कर हैरानी होगी कि पाकिस्तान अपने यहां 2 लाख सैनिकों की तैनाती इसलिए करने जा रहा है कि ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसके यहां कितने लोग रहते हैं.
सीधे सीधे कहे तों पाकिस्तान में जनगणना होनी है. जो कि उसने पिछले 17 वर्षों से भारत के डर से नहीं कराई है.
दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह से सैनिकों की अनुपलब्धता के कारण अधिकारियों को कई बार पाकिस्तान की जनगणना स्थगित करनी पड़ी है.
पाकिस्तान के कई राज्य जैसे बलूचिस्तान, सिंध और वजीरीस्तान में पाकिस्तान विरोधी माहौल है. इस कारण इन इलाकों में आए दिन हिंसा होती रहती है, जिस कारण कोई भी अधिकारी वहां गांव गांव और गली गली जाकर जनगणना करने से डरता है.
वह उसी शर्त पर जाने के लिए तैयार होता है जब सेना के बंदूकधारी उसके साथ चलें.
लेकिन भारत के साथ हालात तनावपूर्ण रहने के कारण पाकिस्तान को यह डर लगा रहता है कि यदि उसने अपने सैनिक सीमा से हटाकर जनगणना में लगा दिए और इस बीच भारत की ओर कोई कार्रवाई हो गई तो पाकिस्तान कहीं का भी नहीं रहेगा.
लेकिन अब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान की दीर्घ प्रतीक्षित जनगणना के लिए 2 लाख सैनिकों की तैनाती को मंजूरी दे दी है.
इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स की तरफ से बयान जारी इसकी पुष्टि की गई है.
अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान में पिछले 17 वर्षों में यह पहली जनगणना है. हालांकि लोगों को अभी भी शक है कि जनगणना पाकिस्तान के सभी राज्यों में हो भी पाएगी कि नहीं. क्योंकि जिस प्रकार बलूचिस्तान और वजीरीस्तान में पाक सेना का विरोध हो रहा है उसको देखते यहां जनगणना के सही आंकड़े जुटाना आसान नहीं है.
गौरतलब है कि जनगणना 2008 में ही होनी थी, लेकिन देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति और कर्मियों की कमी तथा आर्थिक दिक्कत के चलते नहीं हो सकी थी.
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक (पीबीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम पाकिस्तान में जनगणना कराने को तैयार हैं. ब्यूरो ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है, अब फैसला करना और आगे बढ़ने के लिए ब्यूरो को रोडमैप देना सीसीआई के हाथों में है.
बताते चलें कि सेना की मदद से पाकिस्तान में जनगणना कराने का फैसला सीसीआई की बैठक में मार्च 2016 में लिया गया था.