2. सत्यनारायण कथा देती है सुख ही सुख
परिवार के अन्दर किसी को नजर लगी हो या कोई घर की कोई आत्मा परेशान हो तो तब भी अन्यथा तो हर तीन माह के बाद घर में सत्यनारायण की कथा का पाठ करा लेना चाहिए. सत्यनारायण जी की कथा में कुछ एक घंटे का ही समय लगता है. इस कथा को पूरा करने के लिए कोई बहुत अधिक परिश्रम भी व्यक्ति को नहीं करना पड़ता है.