दोस्तों, भारत में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को जानकर आप दंग हो जायेंगे.
आप चिंतित हुए बिना नहीं रह पाएंगे, कि हमारा देश प्रदूषण के प्रकोप से किस कदर झुलस रहा है. खासकर दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर तो और भी ज्यादा बढ़ गया है.
रिपोर्ट की बात करें तो भारत में प्रदूषण जो कि हवा और पानी हर जगह पूरी तरह से घुल गया है, उस प्रदूषण ने साल 2015 में 9 मिलियन लोगों को मौत के घाट उतार दिया. आप सब और हैरान हो जाएंगे जब ये जानेंगे, कि प्रदूषण की वजह से मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के लोग शामिल हैं.
जी हां दोस्तों भारत में 2.5 मिलियन लोग भारत में प्रदूषण के शिकार हो चुके हैंं. जबकि चीन का दूसरा स्थान है. चीन में 1.8 मिलियन लोग प्रदूषण की चपेट में आकर अपनी जान गवा बैठे हैं.
लानसेट मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ साल भर की बात करें, तो भुखमरी, प्राकृतिक आपदा, मलेरिया, टीवी, धूम्रपान या फिर युद्ध जैसे खतरनाक चीजों ने मिलकर जितने लोगों की जानें ली उससे कहीं ज्यादा जानें हमारे पर्यावरण में फैले हुए प्रदूषण के कारण गई है.
दोस्तों अब हम बात करते हैं मौत के आंकड़ों की.
आपको बता दें कि 6.5 मिलियन मृत्यु प्रदूषित हवा और आग लगने के कारण हुई है. जबकि 1.8 मिलियन की मृत्यु दूषित पानी पीने के कारण हुई. सिर्फ भारत और चीन नहीं, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, नॉर्थ कोरिया और साउथ सूडान में भी प्रदूषण ने कहर बरपाया हुआ है.
दोस्तों, ना सिर्फ वर्ल्ड बैंक बल्कि हम सबकी ये जिम्मेदारी बनती है, कि प्रदूषण को पर्यावरण से कम करें. वर्ल्ड बैंक ने इस बात को तय करते हुए पहली बार प्रदूषण के मुद्दे पर कॉन्फ्रेंस करने की बात कही है. दोस्तों इतना तो निश्चित है कि अगर पर्यावरण से प्रदूषण कम हो गया, तो बाकी कई समस्याएं खुद-ब-खुद खत्म होने लगेंगी.
हम सबको मिलकर ये वादा करना चाहिए कि हम भारत में प्रदूषण नहीं फैलाएंगे और ना हीं कोई अगर कहीं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा हो, तो उसे हम देखते रहेंगे. तभी हमारा पर्यावरण प्रदूषण मुक्त बन पाएगा. और हम प्रदूषण से होने वाले जानलेवा बीमारियों से खुद को बचाकर रख पाएंगे.