नेता राम मनोहर लोहिया – 23 मार्च को हमारे देश में कई लोग इसे शहीदी दिवस के नाम से मनाते हैं.
वैसे तो पूरे देश में 30 जनवरी को इस रूप में मनाया जाता है लेकिन हमारे देश को आजाद कराने में कई वीर लोगों का हाथ है जिस कारण इस दिवस को कई तारीखों पर मनाया जाता है. 23 मार्च को शहीद दिवस क्रांतिकारी भगत सिंह के शहीद होने पर मनाया जाता है और वही दूसरी ओर इसी तारीख को देश के महान नेता राम मनोहर लोहिया का जन्म हुआ था जिन्होंने आज तक अपना जन्मदिन नहीं मनाया क्योंकि उनका मानना था कि ये शहीदी दिवस शहीद भगत सिंह के नाम पर है.
नेता राम मनोहर लोहिया के समाजवाद पर चढ़कर कई नेता आगे निकले थे. चौधरी चरण सिंह, मुलायम सिंह, लालू प्रसाद यादव और नीतिश कुमार सभी कद्दावर नेता इन्हीं के गुण गाते थे. कहा जाता है कि लोहिया जिसके कंधे पर हाथ रखदेते थे वो नेता बन जाता था.
आइए जानते हैं लोहिया जी के बारे में कुछ रोचक बातें -:
– वे कहते थे कि हिंदुस्तान इतना बेमतलब हो गया है कि अब इसे तर्क से चलाया नहीं जा सकता है.यहां तो विस्फोट होना चाहिए.
– लोहिया जी का कहना था कि स्त्रियों के लिए आदर्श सावित्री को नहीं बल्कि द्रौपदी को होना चाहिए क्योंकि द्रौपदी में धैर्य भी था और त्याग करने की शक्ति भी और वो अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने का साहस भी रखती थी और आज की लड़कियों को भी वैसा ही साहस रखना चाहिए जिससे वह जब चाहे जिसे चाहे खुद भस्म कर सके.
– नेता राम मनोहर लोहिया जी का कहना था कि नर और नारी का स्नेहमय संबंध बराबरी की नींव पर हो सकता है. ये भाव आज तक समाज में अपनी जगह नहीं बना पाया है. जितना ज्यादा सीता, द्रौपदी और पार्वती को ऊंचे और स्वतंत्र आसन पर बैठाया गया उससेज्यादा ऊंचा नारी का आसान दुनिया में कहीं नहीं है. उनकी इन्हीं बातो और विचारों ने उन्हे युवा पीढ़ी में लोकप्रिय बनाया.
– हमारे यहां वैज्ञानिक ससुर चुनते हैं. जिनका सरकार पर कुछ असर हो.
– हमेशा का नियम है कि जो आदमी सही होता है वह अपने ज़माने के बहुमत के लिए पागल होता है. लेकिन इतिहास तय करता है कि कौन पागल है. आज सुकरात को पागल कहा जाता है या उस समय की जनता को जिसने सुकारात को फांसी दी – राम मनोहर लोहिया की कही ये बात आज तक सभी को याद होगी.
इस तरह नेता राम मनोहर लोहिया जी ने अपने विचारों से लोगों को प्रभावित किया. देश की राजनीति में भी लोहिया जी ने अहम भूमिका निभाई थी.और कई बड़े नेताओं को सत्ता कैसे चलानी है सिखाया. लोहिया ने कभी भी अपने जीवन में गलत का साथ नहीं दिया फिर चाहे वो उनके हित में हो या नहीं.
नेता राम मनोहर लोहिया ने ना केवल अपने विचारों को दुनिया के सामने रख कर उन्हें प्रेरित किया बल्कि उन्हें बडने का सहारा भी बने. शायद अगर वो ना होते तो हमारे देश को कई अच्छे और ईमानदार नेता नहीं मिल पाते. क्योंकि हम सभी जानते हैं कि भारत की राजनीति में सिस्टम हो ना हो सिस्टम में राजनीति जरूर है.