दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा लोग अभी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं और इसके साथ साथ अभी कम से कम 10 लोग ऐसे है जो लापता नजर आ रही हैं इन लोगों की अभी तक किसी को कोई खोज खबर नहीं मिल पाई है. दिल्ली में दंगों के बाद शांति तो नजर आ रही है लेकिन दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में दर्द के निशान साफ साफ देखे जा सकते हैं. खबरों में जिस तरीके की तस्वीरें सामने निकल कर आ रही है सच्चाई उससे कहीं ज्यादा दर्दनाक और डरावनी है दिल्ली की सड़कों पर लगातार हैवानियत का जो नंगा नाच हुआ है उसके लिए जिम्मेवार कौन रहा है उसको खोजना बेहद जरुरी है.
दंगों के तुरंत बाद कॉन्ग्रेस सामने आई और वह बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर उंगलियां उठाते हुई दिखी. गृहमंत्री मंत्री से इस्तीफे की मांग की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने का पाठ पढ़ाया गया लेकिन अब अचानक ही खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां का नाम दंगों में निकल कर सामने आ रहा है.
इशरत जहां गिरफ्तार, 14 दिनों की जेल
चलिए मान लेते हैं कि अब जब कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां का नाम दंगों में निकल कर सामने आ रहा है तो कांग्रेस पुलिस के ऊपर ऊँगली उठाती हुई नजर आएगी लेकिन 14 दिनों की जो जेल दी गई है और जो रिमांड ली जा रही है वह अदालत के आदेश के बाद ही हो पाया है. कांग्रेस के लिए अब अदालत के फैसले पर उंगली उठाना मुश्किल हो जाएगा. हिंसा भड़काने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस की पूर्व पार्षद को गिरफ्तार कर लिया है. इनको कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट ने कांग्रेस की इस पूर्व पार्षद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इशरत जहां पिछले 50 दिनों से उत्तर पूर्वी दिल्ली के खुरेजी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
खुरेजी से चलकर खजुरी क्या करने आई थी मोहतरमा
दिल्ली पुलिस ने जब दंगे वाले दिन खजूरी के अंदर फोन कॉल डिटेल चेक किए तो यहां पर खुरेजी से पार्षद इशरत जहां का मोबाइल लोकेशन भी मिला. किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि जो आंदोलन खुरेजी में हो रहा था उस दिन कांग्रेस की पार्षद दंगे वाली जगह खजुरी में क्या कर रही थी?
अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल नजर आ रहा है लेकिन पुलिस को शक है कि कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां का कहीं न कहीं इन दंगों से कोई न कोई लेना-देना जरूर रहा है. अचानक ही इनका खजूरी में आना और उसके बाद दंगे भड़कना कहीं ना कहीं इन दोनों चीजों को मिलाकर जरूर देखना चाहिए.