अगर आप सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर परेशान हो गए हैं और परेशान हो गए हैं उन रिश्वतखोर अफसरों से तो अब आप राहत की सांस ले सकते हैं.
अब आप ऑनलाइन डिजिलॉकर बना सकते हैं, और अपने सारे दस्तावेज वहां सुरक्षित रख सकते हैं. जब भी किसी सरकारी दफ्तर या अफसर को आपका कोई दस्तावेज चाहिए हो तो आप उसके साथ ऑनलाइन शेयर कर सकते हैं.
जैसे आपको आपके ऑफिस में अपने निजी सामान रखने को लॉकर दिया जाता है, वैसे ही सरकार आपको डिजिलॉकर प्रदान कर रही है, जिसकी चाभी आपके पास रहेगी. इससे आप कई मुसीबतों से बच सकते हैं जैसे- सरकारी दफ्तरों में लम्बी-लम्बी लाइन से, अफसरों की सुस्ती से, और रिश्वतखोरी से.
डिजिलॉकर बनाने के लिए आधार कार्ड का होना बहुत आवश्यक है.
तो अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, और आपको अपना जीवन थोडा आसान बनाना है, तो जाइये सबसे पहले आधार कार्ड बनवाइए.
डिजिटल इंडिया मोदी सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और डिजिलॉकर उसका एक अंग भर है. डिजिटल इंडिया का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और इससे सम्बंधित समारोह 1 हफ्ते तक चलेंगे.
मतलब ये हफ्ता डिजिटल हफ्ता होने वाला है.
डिजिटल इंडिया की कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं.
1. सबसे पहले तो डिजिटल इंडिया के बजट की बात करते हैं. डिजिटल इंडिया का बजट एक लाख करोड़ रूपए का है.
2. डिजिटल इंडिया को गाँव गाँव तक फैलाया जायगा. इसके जरिये सरकार ई-क्रांति और ई-गवर्नेंस लाना चाहती है. ई-क्रांति मतलब शिक्षा, तकनीक, स्वास्थ्य, कृषि, आर्थिक योजना, न्यायिक सेवा को इन्टरनेट से जोड़ना. ई-गवर्नेंस मतलब सरकारी कामकाज, सेवा, सूचनाओं को इन्टरनेट से जोड़ना.
3. डिजिटल इंडिया मोदी सरकार की दो बड़ी परियोजनाओं मेक इन इंडिया और स्किल्ड इंडिया का हिस्सा है.
4. इससे सरकारी दफ्तर, पेपरमुक्त हो जायेंगे.
5. पूरी तरह से लागू होने पर 5 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से छोटे शहरों के छात्रों को आईटी सेक्टर के लिए तैयार किया जाएगा.
डिजिटल इंडिया की कमियां-
1. डिजिलॉकर का इस्तेमाल वही नागरिक कर सकेंगे जिनके पास कंप्यूटर हैं.
2. इसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत होगी. जो अभी तक कई गाँव तक पहुँच नहीं पायी है.
3. इसके अलावा जिसके पास मोबाइल फ़ोन होगा वही उसका इस्तेमाल कर पायेगा, क्योंकि वन टाइम पासवर्ड मोबाइल में ही आएगा. इन्टरनेट एंड मोबाइल असोसिएशन के अनुसार पिछले साल तक भारत में 17.3 करोड़ लोगो के पास मोबाइल फोन था इस साल ये संख्या बढ़कर 21.3 करोड़ होने की उम्मीद है.
4. भारत में पिछले साल तक साक्षरता दर 74 फीसदी थी. मतलब अगले कुछ साल तक आबादी का बड़ा हिस्सा डिजिटल इंडिया से नहीं जुड़ पायेगा.
इन कमियों के बावजूद अगर डिजिटल इंडिया सफल हो जाता है तो लोगों का पैसा और समय बहुत बचेगा.
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