अगर आप भी अपना करियर क्रिएटिव फ़ील्ड में बनाना चाहते है, जहां सक्सेस पाने के लिए काफी स्ट्रगल करना होता हैं,ऐसे में हम कभी-कभी कन्फयूज़ हो जाते है कि इस फ़ील्ड में हाथ आज़माया जाए या नहीं.
तो एस्ट्रोलॉजी आपके लिए मार्गदर्शक की तरह काम कर सकती है.
जी हां प्लेनेट वीनस (शुक्र गृह ) जिसे गॉडेस ऑफ़ ब्यूटी भी कहा जाता है, किसी जातक को खूबसूरत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
शायद यही वजह है कि ये एक्टिंग, सिंगिग, थियेटर से जुडे लोग के लिए काफी मददगार है. यही नहीं फोटोग्राफ़ी, पेटिंग ,राईटिंग, ज्लवेरी डिज़ाईनिंग, फ़ैशन डिजायनिंग जैसी क्रिएटिव फ़ील्ड में भी सक्सेस दिलाता हैं.
वीनस की कई प्लेनेटरी पोजीशन्स से हम जान सकते हैं कि आर्टिस्टिक फ़ील्ड में सक्सेस मिलेगी या नहीं.
१. वृष और तुला लग्न या राशि चूँकि स्वयं शुक्र के स्वामित्व होते हैं, इसलिए ऐसे आर्ट की फ़ील्ड में ख़ास दिलचस्पी दिखाते हैं.
२. अगर कुडंली के पांचवे भाव में कोई दूसरा लग्न भी हो तब भी वहां शुक्र होने से जातक कला को ही अपना करियर बनाता है, और सक्सेस भी पाता हैं.
३. नवम और दसवें भाव का शुक्र भी कलाकारों के लिए लाभदायी हैं.
शुक्र से जुड़े अन्य योग जो दिलाते है आर्टिस्टिक फ़ील्ड में सक्सेस-
१. यदि सूर्य, शुक्र की युति हो तो, राईटिंग की फ़ील्ड में सक्सेस मिलती हैं.
2. अगर किसी जातक की कुडंली में शुक्र की बुध के साथ या शुक्र की गुरु के साथ युति हो तब भी
बेहतरीन लेखक बनने के योग होते हैं.
3. ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी सक्सेस दिलाने में भी शुक्र विशेष रुप से सहायक होता हैं.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शुक्र ही क्रिएटिव फ़ील्ड में सफलता दिलाता है. दअरसल शुक्र को क्रिएटिविटी का कारक माना जाता है, साथ ही चंद्रमा को
४. इमेजिनेशन का कारक चन्द्रमा और बुध को एक्टिंग का कारक माना जाता हैं. बुध व्यक्ति की संवाद अदायगी में सहायक होता क्योंकि यही किसी व्यक्ति को वाकपटू और हाजिर जवाब बनाता .
इसलिए शुक्र के अलावा इन तीन ग्रहों (सूर्य – चन्द्रमा – बुध ) का अध्ययन करना भी जरुरी हो जाता हैं.
आज ग्लैमर की दुनिया में नाम कमाने का सपना लेकर लाखों युवा मायानगरी का रुख़ करते है और इस दुविधा में जीते हैं कि क्या उनका स्ट्रगल रंग लाएगा या नहीं.
तो ज्योतिष उनके लिए वरदान की तरह साबित हो सकता है.
इसके लिए पर्सनल होरोस्कोप का एनालिसिस करना जरुरी हो जाता है, साथ एक जानकार ज्योतिषी का होना भी, क्योंकि आधी -अधूरी जानकारी आपको गलत दिशा की तरफ़ भी मोड़ सकती है