टेस्ट और वनडे में अंतर होता है.
टेस्ट के अंदर दोनों टीम को 5 दिन मिलते हैं और वहीं टेस्ट की पिच भी मेजुबान देश के लिए मददगार होती है.
इस समय विराट कोहली टेस्ट के नंबर वन कप्तान बने हुए हैं. लेकिन आज खेल प्रेमियों को ध्यान देना चाहिए कि भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में अधिकतर टेस्ट मैच भारत या एशिया में खेले हैं. भारत के बाहर जाकर इंग्लैंड या आस्ट्रेलिया में खेलना बेहद मुश्किल काम होता है.
असली कप्तान वही होता है जो अपने देश के बाहर जाकर टीम को विजय दिलाता है.
वहीं दूसरी तरफ महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे की आखरी कप्तानी न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में की थी और भारत यह सीरीज जीत गया था. उस समय वनडे मैच की कोई भी पिच स्पिनर के हिसाब से अधिक मददगार नहीं थी. वनडे की टीम भी कोई अधिक अनुभवी नहीं था लेकिन फिर भी सीरीज जीतने के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी को तिरछी निगाह से देखा गया था.
धोनी के लिए अंतिम साल वनडे के बहुत ही कम मैच आयोजित किए गये और कोहली के लिए बार-बार भारत देश में ही टेस्ट सीरीज रखी गयी थीं.
धोनी से कप्तानी लिए जाने पर भी अभी कई सीनियर खिलाड़ी नाराज हैं.
इस तरह से किसी कप्तान के साथ व्यवहार की आलोचना दबी जुबान में की जा रही है. कुछ सीनियर खिलाड़ी बोल रहे हैं कि धोनी से कप्तानी छीनने के लिए टेस्ट मैच का प्लान बनाया गया था.
क्या था टेस्ट मैच का प्लान धोनी से कप्तानी छीनने के लिए ?
धोनी से कप्तानी छीनने के लिए कुछ बड़े और सीनियर खिलाड़ियों का प्लान यह था कि विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम को अधिक से अधिक टेस्ट मैच खिलाओ और तब देश की जनता धोनी को भूलकर विराट कोहली को चाहने लगेगी. इसीलिए कोहली की कप्तानी में टीम इण्डिया को हर माह कभी 3 तो कभी 5 टेस्ट की सीरीज खिलाई गयी हैं. आपको यकीन ना हो तो एक बार विराट कोहली की कप्तानी का रिकॉर्ड आपको देखना चाहिए.
आस्ट्रेलिया और साऊथ अफ्रीका के साथ खेलते हुए, क्या हुआ था आपको यह देखना चाहिए. जब भारत ने भारत के अंदर अच्छा खेला तो सभी ने विराट कोहली की वाह-वाही की और धोनी से कप्तानी छीन ली गयी.
धोनी जो भारत के एक सफल कप्तान रहे हैं और जिसने टीम इंडिया को आईसीसी की सारी ट्राफी दिलाई हैं, उसको आसानी से हटा दिया जाता है और देश चुपचाप मुस्कुराता रहता है. चलिए मान लेते हैं कि धोनी में अब दम नहीं रहा था तो क्या कोहली को भारत के बाहर जाकर कप्तानी करते हुए देखने का अभी इन्तजार नहीं करना चाहिए था?
असल में धोनी की छवि को नेगेटिव बनाया गया है
कुछ बड़े सीनियर खिलाड़ियों से जब हमने बात की तो उन्होंने साफ़ बोला कि धोनी से कप्तानी छिनी गयी है.
कुछ ऐसा ही सचिन तेंदुलकर के साथ हुआ था जब सचिन खेलना चाहते थे और सचिन को संन्यास दिलवा दिया गया था. आज ऐसा ही धोनी के साथ हुआ है. धोनी को एक तरह से विलन बनाया गया है. आज टीम का हीरो कोई और ही है और विकेट के पीछे खड़ा खिलाड़ी विलन बन गया है. कोहली की कप्तानी ने कोई अनोखा रिकॉर्ड कायम नहीं किया है और ना ही अब तक कोई बहुत बड़ी सीरीज कोहली ने जीती है बस फिर भी टीम के अंदर एक गुट ऐसा है जो बस धोनी को चाहता नहीं है और इसलिए धोनी को हटाने के लिए टेस्ट का प्लान बनाया गया था.
महेंद्र सिंह धोनी को पहले करप्शन के अंदर फ़साने का काम किया गया था और उसके बाद फिक्सिंग में यह नाम लिया जा रहा था. कुलमिलाकर धोनी से कप्तानी छीनने के लिए टीम के एक ग्रुप ने एक ख़ास प्लान पर काम किया था.