19 जनवरी 1990 को कश्मीर में एक काली रात थी – हिन्दू बस अपने जीवित रहने की प्रार्थना कर रहा था.
केंद्र सरकार और राज्य की सरकार ने एक चाल चली थी. केंद्र की सरकार चाहती थी कि कश्मीर से हिन्दू भगा दिए जाएँ और इसलिए एक रात के लिए कश्मीर से सरकार, पुलिस और सेना सभी गायब कर दिए गये थे.
कश्मीर में एक काली रात को याद करते हुए मशहूर हस्ती विद्याभूषण धर ने कई बातें अपने इंटरव्यू में बोली हैं.
इनका परिवार भी कश्मीर से निकाल दिया गया था.
आइये पढ़ते हैं कि क्या-क्या हुआ था कश्मीर में एक काली रात को –
1. फारुख अब्दुल्ला की सरकार बर्खास्त हो चुकी थी. कहते हैं कि 19 जनवरी 1990 को कश्मीर की सत्ता किसी के भी हाथ में नहीं थी. ना वहां पुलिस थी और ना ही सेना.
2. नये गवर्नर जगमोहन, कश्मीर नहीं पहुंचे थे तो कुलमिलाकर पहले ही हिन्दू समझ चुके थे कि आज की रात भगवान भरोसे है. आज हमारा क्या होगा कोई नहीं जानता था.
3. लाखों की संख्या में मुसलमान हाथों में मशाले लेकर निकल रहा था. पुलिस को कुछ नहीं पता था कि अब क्या करना है और कैसे करना है.
4. हिन्दू लोगों ने उस रात अपनी बहन-बेटियों को तहखानों में छुपा दिया था. सभी ने अपनी बच्चियों को जहर की पुड़िया दे दी थी ताकि कुछ अनहोनी होने पर वह इसे खा लें.
5. घाटी में नारे लग रहे थे कि यहाँ बनेगा पाकिस्तान. उग्रवादियों द्वारा भीड़ का प्रतिनिधित्व किया जा रहा था.
6. सरेआम हिन्दुओं को बोला जा रहा था कि या तो मिल जाओ और मुसलमान बन जाओ या फिर कटने के लिए तैयार हो जाओ.
7. कुछ महिलाओं के साथ में ब्लेड थे ताकि अगर उनकी इज्जत पर हमला होता है तो वह अपना गला काट लेंगी.
8. हिन्दू पंडित जो आज कश्मीर से निकल आये हैं वह बताते हैं कि पकिस्तान के झंडे लहराये जा रहे थे.
9. कश्मीरी पंडितों के ऊपर हुए अत्याचारों को आज कोई भीं पढ़ता है. असल में भारत के अन्दर हिन्दू भी सुरक्षित नहीं हैं इसका उदाहरण यह घटना ही है.
10. कश्मीर से बेदखल पंडित, कैंप में जीवन गुजारने को मजबूर हिनौर उम्मीद कर रहे हैं कि कोई आयेगा और इनकी घर वापसी करायेगा.
कश्मीर के अन्दर इस घटना के ऊपर मीडिया शांत रहता है और अगर किसी अन्य राज्य में कुछ और हो जाये तो यही मुख्य धारा का मीडिया सबकुछ बोलने लगता है. यह दर्शाता है कि हिंदुओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है.
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