भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत – दुनियाभर के लिए भारत सबसे बड़े बाजार के रूप में है।
यहां पर विदेशियों की जरूरत का हर सामान मिल जाता है और शायद यही वजह है कि ज्यादातर देश भारत से मैत्री संबंध बनाकर रखते हैं। रोज़ाना भारतीय बाजार में खरबों डॉलर का कारोबार होता है लेकिन आपको शायद से मालूम नहीं होगा कि एक दिन में भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत कितनी हो जाती है।
दोस्तों, मोदी सरकार के राज में पेट्रोल-डीज़ल के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन फिर भी जरूरत है तो पैस भी खर्च करने पड़ेंगें। कुछ ऐसा ही हाल देश में पेट्रोल और डीज़ल का है। कीमतें चाहे कितनी भी आसमान छू लें, लोग अपनी गाड़ी-स्कूटर में पेट्रोल डलवाना तो बंद नहीं कर सकते ना। इसे आप हमारी मजबूरी भी कह सकते हैं और जरूरत भी।
तो चलिए जानते हैं कि रोजाना भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत ।
भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत –
हजारों वाहन हैं देश में
हमारा देश जनसंख्या के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है और अब वो दिन भी दूर नहीं है जब देश की आबादी पहले स्थान को छू लेगी। भारत में रोज़ हजारों कार और ट्रक आदि खरीदे जाते हैं। मोटरसाइकिल और स्कूटर तो जैस आम बात है। भारत में इन वाहनों से दे
श गति करता है। ट्रक, रेलगाड़ी वगैरह की ईंधन से चलती हैं बाकी तो सबके लिए पेट्रोल और डीजल ही चाहिए होता है।
इतना पेट्रोल पीता है देश
आपको बता दें कि देश में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण प्रतिदिन 12 अरब लीटर पेट्रोल खर्च हो जाता है जबकि डीजल 27 अरब लीटर खर्च होता है।
इन राज्यों में होती है कम खपत
भारत में कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां पर पेट्रोल और डीजल की कम खपत होती है। साल 2016-17 में देशभर में पेट्रोलियम उत्पादों की सबसे कम खपत लक्ष्द्वीप में हुई थी। पूरे साल में इस राज्य में बस 13800 टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत दर्ज की गई है। इसके बाद सिक्किम का नाम आता है जहां पर 1.04 लाख टन और मिजोरम में 1.17 लाख टन की खपत हुई।
यहां हुई सबसे ज्यादा खपत
इस मामले में देश की आर्थिक राजधानी सबसे आगे है। आंकड़ों की मानें तो साल 2016-17 तक देश में सबसे ज्यादा पेट्रोलियम उत्पादों की खपत महाराष्ट्र में हुई है। इस मामले में दूसरे नंबर पर गुजरात और तीसरा स्थान यूपी का है। इनमें से कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पर जनसंख्या तो कम है लेकिन प्रति व्यक्ति आय ज्यादा होने और उद्योग ज्यादा होने की वजह ये यहां पर पेट्रोल और डीजल की खपत ज्यादा होती है।
भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों में भारत में वाहनों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है और यही वजह है कि पेट्रोल और डीजल की मांग में भी बढ़ोत्तरी हुई है और इस वजह से सरकार ने इसके दाम भी बढ़ा दिए हैं।
भारत में डीज़ल और पेट्रोल की खपत – मोदी सरकार के इस कदम को लेकर कहा जा रहा है कि इसकी वजह से साल 2019 के चुनावों में उनकी सरकार तक गिर सकती है। इसका असर चुनाव में उन्हें हार के रूप में चुकाना पड़ सकता है।
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