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बादशाह शाहजहां के लाल किले पर इन शासकों ने भी किया राज!

लाल किले पर

लाल किले पर – भारत में स्थित प्रत्येक ऐतिहासिक धरोहर का अपना अलग इतिहास रहा है।

जो विशेष अवसर पर हमेशा दोहराई गयी है चूंकि अगस्त माह भारत का स्वतंत्रता दिवस के लिए प्रख्यात है इसलिए आने वाले स्वतंत्रता दिवस से पहले जानते हैं लाल किले के बारे में वे बातें, जिसके संदर्भ में शायद ही कोई जानता हो ।

मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 ईस्वी में लाल किले का निर्माण शुरु करवाया था। लगातार दस वर्षों तक निर्माण कार्य चलने के बाद लाल किला 1648 ईस्वी में तैयार हो गया। लाल किला की भव्यता को देखकर, बादशाह शाहजहां के नाम पर दिल्ली को शाहजहांनाबाद के नाम से पुकारा भी जाने लगा। हालांकि शाहजहां के लाल किले पर अन्य शासकों ने हुकूमत भी की। शाहजहांनाबाद शहर की भव्य लाल किले पर वो कौन से शासक रहे थे चलिए जानते है उनके संदर्भ में जानकारी।

लाल किले पर

लाल किले पर मुगल का दौर

शाहजहां का शहर पर जब उनके पुत्र औरंगजेब का राज हुआ, उस वक्त औरंगजेब ने लाल किले में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया था परन्तु मुगल सल्तनत की बिगड़ती आर्थिक व प्रशासनिक संरचना के कारण 18वीं सदी आते-आते मुगल साम्राज्य का पतन हो गया। औरंगजेब के जाने के बाद 30 वर्षों तक वहां किसी का राज नहीं हुआ।

अंतत 1712 ईस्वी में बादशाह जहंदर शाह को शाहजहांनाबाद का शासक बनाया गया लेकिन शासक फर्रुखसियार ने जहंदर शाह को मार कर वहां अपना साम्राज्य इख्तियार किया। इनके शासन पर न्याय से लेकर सत्ता को बहुत क्षति हुयी। यह सब देखते हुए फर्रुखसियार को वहां से हटा दिया व उनके स्थान पर मुहम्मद शाह लाए गए थे। इन्हें रंगीला राजा भी कहा गया, उनका राज्य केवल 1739 तक ही रहा था। इसके बाद फारसी सम्राट नादिर शाह से वे हार गए व वहां का सिंहासन सम्राट नादिर शाह को मिल गया। हालांकि इन्होंने साम्राज्य को अंदर से खोखला कर दिया था। और अपने शहर वापस चले गये।

मराठों का दौर

नादिर शाह के ऐसे चले जाने पर 1752 ईस्वी पर मराठा ने वहां पर राज किया। लेकिन ब्रिटिश ईस्ट इंण्डिया कंपनी से मराठाओं के पतन के बाद दिल्ली व लाल किले पर अंग्रेजी हुकूमत का राज काबिज रहा।

ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी

दिल्ली व लाल किले पर यह वो दौर आया, जब ब्रिटिशों ने लाल किले में स्थापित हर नायाब वस्तु को लूट लिया था इसके साथ-ही-साथ लाल किले में मुख्य परिवर्तन भी करवाए गये थे। ब्रिटिश ने लाल किले पर लूट के साथ वहां काफी तोड़फोड़ भी मचाई । यहीं से ब्रिटिश भारत का कोहिनूर लंदन लेकर भी गये। जोकि अब वहां की रानी की शोभा बना हुआ है।

अंतत यह कहना गलत नहीं होगा कि शाहजहां का शहर शाहजहांनाबाद व लाल किले पर कैसे हर दौर के सम्राट और ब्रिटिश ने यहां क्या दुर्दशा फैलायी थी।