ज़रा सोचिए अगर एक दिन के लिए भी आपको बिना ऑक्सीजन के रहने के लिए कह दिया जाए तो आप क्या करेंगें। नहीं कर पाएंगें ना, क्योंकि ऑक्सीजन के बिना सांस ले पाना नामुमकिन है और जब सांस ही नहीं ले पाएंगें तो जीएंगें कैसे?
लेकिन दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी पर एक दुनिया ऐसी भी थी जब लोग बिना ऑक्सीजन के जीया करते थे।
जी हां ये सच है, वैज्ञानिकों को मिले 2.52 अरब साल पुराने बैक्टीरिया जीवाश्म से धरती पर शुरुआती जीवन ऑक्सीजन के बगैर ही अस्तित्व में रहने का पता चला है।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी के जीवन का पहला आधा हिस्सा शुरुआती बैक्टीरिया की उत्पत्ति और उसके विकास के लिए महत्वपूर्ण समय था।
जीवन के इन रूपों के बारे में कुछ कहने के लिए प्रमाण बहुत कम हैं। इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है कि उस स्थिति में लोग कैसे और किस तरह अस्तित्व में रहे थे, जब वायुमंडल में ऑक्सीजन नगण्य स्तर पर था।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी सिनसिनाटी के वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी केप प्रांत में दो अलग-अलग जगहों में जीवाश्म बैक्टीरिया पाया है।
शोध में शामिल हुए एक वैज्ञानिक ने बताया कि यह सल्फर बैक्टीरिया सबसे पुराना है। इसके जीवन की विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की खोज करने में हमें मदद मिलेगी। वायुमंडल के सबसे बड़े परिवर्तन अर्थात् ऑक्सीकरण होने से पहले के समय में जीवन की व्यवस्था के बारे में खोज हो पाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि इससे पता चल पाएगा कि पृथ्वी के शुरुआती चरण में लोग किस तरह जीते थे और वो बिना ऑक्सीजन के सांस कैसे लेते थे।
वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी ये रिसर्च काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कभी किसी ने नहीं सोचा होगा कि इंसान ऑक्सीजन के बिना भी जिंदा रह सकते हैं।