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नेपाल की मदद करके ‘मानवता’ धर्म का पालन किया है इन्होनें

नेपाल में प्रकृति ने अपना प्रकोप दिखाया है और भूकंप से हज़ारों लोग अपनी जान गँवा चुके हैं और लाखों लोग रोड़ पर आ गये हैं.

दर्द अब दिल में नहीं रूक पा रहा है बल्कि आँखों के जरिये बाहर आ रहा है. क्या करें ईश्वर के बनाये जग में उसकी ही चलती है.

लेकिन दुःख की इस घड़ी में इंसान ही इंसान के काम आता है और वैसे भी मानवता ही सबसे बड़ा धर्म भी है, नेपाल के दर्द में पूरा भारत उनके साथ है, देश की सरकार, सेना, हमारे धर्म गुरु और जनता इन लोगों की मदद कर रहे हैं यह एक बड़ी बात है.

मानवता की मिशाल कायम कर रहे हैं यह लोग और संस्थायें-

1.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ‘क्विक एक्शन’ के कारण छा गए. भूकंप के तुरंत बाद नेपाल और भारत के प्रभावित हिस्सों को लेकर बचाव दल भेजने के कारण संसद से लेकर सोशल मीडिया पर भी मोदी की तारीफ हो रही है.

मोदी जी ने अपनी 1 महीने की सैलरी सहित, भारत सरकार की ओर से भी करोड़ों रूपए की मदद भी दी है. इसके साथ वहां इंजीनियरिंग कार्य बल तथा 18 चिकित्सा यूनिटों को बचाव काम में लगा रखा है.

2.  देश की आर्मी

आपदा की गंभीरता को देखते हुए नेपाल की सेना की संख्या वहां पर्याप्त नहीं है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए भारत ने एनडीआरएफ की 16 टीम और इसके अलावा देश की सेना वहां बचाव और राहत कार्य में लगी हुई है. सेना द्वारा भोजन, पानी, कंबल और टेंट पहुंचाए गए हैं और सेना मानवता की सेवा में दिन-रात एक किये हुए है.

3.  बाबा रामदेव

जब नेपाल में भूकंप आया तब बाबा रामदेव नेपाल में ही थे. इन्‍होंने नेपाल के भूकंप पीड़ित करीब 5 सौ बच्‍चों को गोद लिया है. साथ ही साथ पतंजलि योगपीठ के कार्यकर्ता पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रहे हैं.

4.  डेरा सच्चा सौदा

प्राकृतिक आपदाओं के समय हमेशा बाबा राम रहीम सिंह जी मदद के लिए तत्पर रहते हैं. डेरा सच्चा सौदा ने नेपाल के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए, पीड़ितों के लिए दिल्ली से वायु मार्ग द्वारा लाखों प्रभावितों के लिए भोजन भेजा है.

साथ ही साथ अपनी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स के 2000 से अधिक लोग, जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर, मिस्त्री और सेवादार इत्यादि शामिल हैं, इनको राहत कार्य के लिए भेजा गया है.

5.  देश के सांसद

पड़ोसी देश के लिए अब तक भारत 22 टन भोजन सामग्री, दो टन चिकित्सा सामग्री, 50 टन पानी और भारी संख्या में कंबल तथा अन्य राहत सामग्री भेज चुका है. वहीँ जब बात संसद में आई तो सभी सांसदों ने अपनी 1-1 महीने की सैलेरी भी राहत काम में लगाने की अनुमति दे दी है.

6.  देश की जनता

अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए जहाँ सरकार और संस्थायें मदद कर रही हैं तो वहीँ देस्श की जनता भी मदद करना कैसे भूल सकती है. हमने भी तो त्रासदी का दर्द झेला है. मदद के लिए कोई पैसे भेज रहा है तो कपड़े, कोई खाने की सामग्री और कुछ लोग खुद से मदद के लिए नेपाल पहुँच चुके हैं.

7.  सिख संगठन

एसजीपीसी हर कुदरती आपदा के दौरान बिना किसी भेदभाव के प्रभावित लोगों की मदद के लिए तैयार रहती है तो नेपाल में मदद के लिए तन-मन-धन से मदद इनके द्वारा की जा रही है.

8.  सांसद एवम एक्टर हेमा मालिनी

मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र में चल रहे मथुरा महोत्सव के आने वाले सभी धन को नेपाल भूकंप पीड़ितों की मदद में लगाने का ऐलान हेमा मालिनी कर चुकी हैं.

9.  स्कूल-कालेज

पड़ोसी देश नेपाल की मदद में स्कूल और कालेज के बच्चे भी आगे आ रहे हैं. जगह-जगह डोनेशन इकठ्ठी की जा रही हैं, दवायें जमा की जा रही हैं.

10.  देश के मंदिर और भक्त

नेपाल में मदद के लिए देश में मंदिर और हमारे धर्म गुरु सभी को मदद के लिए प्रेरित कर रहे हैं. दिल्ली में कुछ मंदिरों से भक्तों ने धन सीधे प्रधानमंत्री राहत कोष में भी भेजना शुरू कर दिया है.

हमारे सभी नेपाली भाइयों को हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारत सरकार और सभी भारतीय, नेपाल की इस त्रासदी में इनके साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं.

Chandra Kant S

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